
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने माँ बम्लेश्वरी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की
राजनांदगांव। क्वांर नवरात्रि के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं धर्मपत्नी श्रीमती वीणा सिंह ने माँ बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ पहुंचकर पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष किरण साहू, पूर्व विधायक रामजी भारती, समाज सेवी श्री कोमल सिंह राजपूत, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, एसडीएम डोंगरगढ़ एम भार्गव, माँ बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल सहित ट्रस्ट समिति के अन्य पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने क्वांर नवरात्रि पर्व के अवसर पर माँ बम्लेश्वरी पर्यावरण परिक्रमा पथ का लोकार्पण किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि माँ बम्लेश्वरी पर्यावरण परिक्रमा पथ की परिकल्पना 2015 में की गई थी और यह परिकल्पना 2025 में पूरी हो रही है। माँ बम्लेश्वरी पर्यावरण परिक्रमा पथ अद्भूत परिक्रमा पथ है।
परिक्रमा पथ में छत्तीसगढ़ में स्थापित विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां प्रतीक के रूप में स्थापित की गई है। यह परिक्रमा पथ साढ़े तीन किलोमीटर लम्बा है। जिसमें फलदार, छायादार एवं विभिन्न प्रजातियों के 10 हजार से अधिक पेड़ लगाए गए है।
डोंगरगढ़ आने वाले देश एवं प्रदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए यह परिक्रमा पथ आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि डोंगरगढ़ नगर के नागरिकों को प्रभात फेरी के लिए एक अच्छा स्थल मिल गया है। इस तरह परिक्रमा पथ श्रद्धा, सेहत एवं संस्कार के लिए भी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष तौर पर परिक्रमा पथ को बनाया गया है। परिक्रमा पथ पर बच्चों के मनोरंजन के लिए सिंह, हिरण एवं अन्य वन्यजीवों के चित्र भी बनाए गए है।
माँ बम्लेश्वरी के आर्शीवाद से परिक्रमा पथ का कार्य पूरा हो गया है। डोंगरगढ़ नगर माँ बम्लेश्वरी के साथ-साथ सर्वधर्म समन्वय का भी स्थान है, जहां सभी समाज के इष्ट देव विराजते है।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि माँ बम्लेश्वरी देवी की नगरी डोंगरगढ़ में माँ बम्लेश्वरी पर्यावरण परिक्रमा पथ का लोकार्पण किया गया है। माँ बम्लेश्वरी पर्यावरण परिक्रमा पथ की आधारशिला 2015 में रखी गई थी और यह आज पूर्ण हो गया है।
डोंगरगढ़ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए माँ बम्लेश्वरी पर्यावरण परिक्रमा पथ आस्था का केन्द्र बनेगा। परिक्रमा पथ स्वास्थ्य, श्रद्धा एवं संस्कार की दृष्टि से केन्द्र बिंदु है। बच्चे, बुजुर्ग सहित सभी वर्ग के लोग परिक्रमा करेंगे और स्वास्थ्य लाभ भी लेंगे।