
Masik Kalashtami 2025 May Date,काल भैरव की कृपा पाने का खास दिन: जानें मई 2025 में कब है कालाष्टमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
भगवान भैरव के तीन स्वरूप – काल भैरव, बटुक भैरव और स्वर्णाकर्षण भैरव में से कालाष्टमी के दिन विशेष रूप से काल भैरव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त पूरी श्रद्धा और नियमपूर्वक काल भैरव की उपासना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है और उसके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा का अंत हो जाता है।
Masik Kalashtami 2025 May Date/हिंदू धर्म में भगवान शिव के रौद्र रूप माने जाने वाले काल भैरव की उपासना के लिए कालाष्टमी एक अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है और इस दिन भक्त विशेष रूप से भगवान भैरव की पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि कालाष्टमी का व्रत रखने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
Masik Kalashtami 2025 May Date/भगवान भैरव के तीन स्वरूप – काल भैरव, बटुक भैरव और स्वर्णाकर्षण भैरव में से कालाष्टमी के दिन विशेष रूप से काल भैरव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त पूरी श्रद्धा और नियमपूर्वक काल भैरव की उपासना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है और उसके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा का अंत हो जाता है।
Masik Kalashtami 2025 May Date/मई 2025 में कालाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ योग में पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 मई को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर आरंभ होकर 21 मई को सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार व्रत 20 मई 2025, मंगलवार को रखा जाएगा। इस दिन भक्त काल भैरव का व्रत रखकर दिनभर उपवास करते हैं और रात्रि में विशेष पूजा करते हैं।
पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:05 बजे से 4:46 बजे तक रहेगा, जो मानसिक शुद्धि और आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त माना गया है। वहीं निशिता काल में पूजा का सबसे उत्तम समय रात 11:57 से 12:38 तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए श्रेष्ठ माना जाता है, दोपहर 11:50 से 12:45 बजे तक रहेगा।
इस दिन काल भैरव के नाम का जाप, विशेष मंत्रों का उच्चारण और दीपदान का विशेष महत्व होता है। साथ ही, कुत्तों को भोजन कराने की परंपरा भी निभाई जाती है क्योंकि कुत्ता काल भैरव का वाहन माना गया है।
कालाष्टमी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ कालभैरवाय नम:
- ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं
- ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं
- अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि