आदिवासियों का ‘हेल्थ एटलस’ तैयार करेगी सरकार, मंत्री ने की समीक्षा
रांची। झारखंड सरकार राज्य के आदिवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ‘हेल्थ एटलस’ तैयार करेगी।
इसके तहत आदिवासी आबादी वाले इलाकों में स्वास्थ्य के विभिन्न मापदंडों पर सर्वे कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
इससे यह समझने में मदद मिलेगी उनके स्वास्थ्य को लेकर किस तरह की चुनौतियां हैं और उनका समाधान करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए।
इसे लेकर राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा ने सोमवार को विभाग के अफसरों के साथ बैठक में आवश्यक निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा कि ‘सिकल सेल’ आदिवासी समुदाय के स्वास्थ्य को लेकर एक बड़ी चुनौती है। इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान की सूक्ष्म मॉनिटरिंग की जानी चाहिए।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी ग्रामीण स्वास्थ्य उपकेंद्रों में सिकल सेल के उपचार की व्यवस्था उपलब्ध रहे।
उन्होंने सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को टेली मेडिसिन की भी सुविधा से जोड़ने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया। मंत्री ने विभाग की समीक्षा बैठक में एसटी, एससी के कल्याणार्थ राज्य सरकार की ओर से संचालित अन्य योजनाओं की वस्तुस्थिति पर भी चर्चा की।
उन्होंने कल्याण विभाग की ओर से संचालित विद्यालयों के बच्चों को राज्य के भीतर और पूरे देश में ‘एक्सपोजर विजिट’ की योजना तैयार करने का निर्देश दिया।
वर्ष 2024-25 शैक्षणिक सत्र में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान मार्च 2025 तक कर दिया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान मंत्री ने पिछड़ी जाति के छात्रों की पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के 2023-24 सत्र के लंबित भुगतान को क्लीयर करने के लिए 157 करोड़ की राशि जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसे वित्त विभाग को भेजने का निर्देश दिया।
पिछले दिनों मंत्री चमरा लिंडा ने गुमला जिले में कल्याण विभाग की ओर से संचालित विभिन्न विद्यालयों का भ्रमण किया था।
इस दौरान राशन एवं बैग-जूता आदि की आपूर्ति मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए जाने पर उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार आपूर्तिकर्ताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने, उनके बकाया भुगतान पर रोक लगाने और उन्हें काली सूची में डालने का निर्देश गुमला जिला प्रशासन को दिया है।
समीक्षा बैठक में मंत्री ने बताया कि गुमला जिले के कई विद्यालयों में भोजन निर्धारित मेन्यू के अनुरूप नहीं था।
दूध और फल की भी आपूर्ति नहीं हो रही थी। इस पर आदिवासी कल्याण आयुक्त ने जिला कल्याण पदाधिकारी को जांच करने और तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।
मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि मुख्यालय एवं क्षेत्रीय अधिकारी प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को क्षेत्र भ्रमण कर सुनिश्चित करें कि सभी योजनाएं निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप संचालित हो रही हैं। योजनाओं में लापरवाही बरतने वालों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जाएगी।