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खत्म हुई गिरदावरी की खिच-खिच…बोदरी में 20 हजार खसरों का होगा डिजिटल सर्वे..प्रोजेक्ट का जायजा लेने खेत पहुंचे अवनीश शरण

जिले में 11 तहसील के 54 गांव के फसलों का होगा डिजिटल सर्वे...बोदरी के सभी खसरा शामिल

बिलासपुर—जिले के 54 गांव में इस बार डिजिटल क्राप सर्वे किया जाएगा। इसी क्रम में योजना क्रियान्यवयन को लेकर  कलेक्टर अवनीश शरण ने बोदरी तहसील स्थित का भटगांव का दौरा किया। डिजिटल क्रॉप सर्वे का जायजा लिया। कलेक्टर ने इस दौरान दुहराया कि शासन के निर्देशानुसार 30 सितम्बर तक सर्वे का काम पूरा किया जाए। सर्वे के दौरान अवनीश शरण ने डिजिलटल क्रॉप सर्वे और गिरदावरी में अन्तर और लाभ की स्थिति को भी समझने का प्रयास किया।
 बोदरी तहसील के सभी 32 गाव समेत जिले के कुल 54 गावों में इस बार पायलट प्रोजेक्ट के तहत फसलों का सर्वे डिजिटल तरीके से होगा। जानकारी देते चलें कि अभी तक फसल का सर्वे मैन्यूअल तरीके से किया जाता रहा है। जिसे बोलचाल में गिरदावरी कहा जाता है। डिजिटल क्रॉप सर्वे यानी  गिरदावरी का काम जमीन पर देखने कलेक्टर औचक बोदरी तहसील के ग्राम भटगांव पहुंचे। इस दौरान उन्होने डिजिटल क्रॉप सर्वे की प्रक्रिया को करीब से देखा।
कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार 30 सितंबर तक सर्वे का कार्य पूर्ण करना है। जिले में पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे हाथ में लिया गया है। कलेक्टर ने सर्वेयर से सर्वे की जानकारी को समझा। साथ ही डिजिटल क्रॉप सर्वे का लाइव सर्वे भी देखा। डिजिटल क्रॉप सर्वे और सामान्य गिरदावरी में अंतर को समझने का प्रयास भी किया।
बताते चलें कि अब तक फसल गिरदावरी यानी सर्वे मैन्यूल तरीके से किया जाता रहा है। शासन के निर्देश पर इस बार शत प्रतिशत गिरदावरी का कार्य रीयल टाइम गिरदावारी यानी  डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से कराने का फैसला किया है।  बिलासपुर के तहसील बोदरी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया है । बोदरी में कुल 13 हल्के के सभी 32 गांव में 20 हजार से अधिक खसरों का डिजिटल सर्वे किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य 11 तहसीलों के 2- 2 ग्राम को मिलाकर 22 गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया जा रहा है।
डिजिटल सर्वे की जिम्मेदारी स्थानीय यानी गांव के ही शिक्षित बेरोजगार युवाओं को दी गयी है। सर्वे का काम कनरे वाले युवक एग्रीकल्चर में ग्रेजुएट भी हैं। सर्वेयर मौके पर जाकर सर्वे का काम करते हैं। सर्वे के दौरान फसल का 3 फोटो लेना अनिवार्य है। इससे गिरदावरी में होने वाली त्रुटियों की संभावना शून्य होती है। साथ ही फसल के प्रकार ,सिंचित, असिंचित खेतों की आसानी से हो जाती है। वास्तविक रकबा और खसरा की जानकारी भी मिलती है। इससे किसानों को अपने फसल को धान खरीदी केन्द्र में बेचने में भी सुविधा होगी।
मैदानी सर्वे के दौरान कलेक्टर अवनीश शरण के साथ संयुक्त कलेक्टर और प्रभारी अधिकारी भू अभिलेख मनीष साहू, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिल्हा बजरंग वर्मा,तहसीलदार बोदरी संदीप साय , नायब तहसीलदार बोदरी ओमप्रकाश चंद्रवंशी, हल्का पटवारी ,सरपंच, किसान, कोटवार सेत सर्वेयर मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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