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Sharad Purnima की रात करें ये 4 शुभ काम: चाँदनी में रखें खीर, माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद और आरोग्य दोनों पाएं, जानें पूजा-मंत्र और नियम

Sharad Purnima/सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा की रात को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। यह वह रात है जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है और माना जाता है कि इसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है। धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से इस रात को कुछ खास उपाय करने का विधान है, जिससे सौभाग्य, धन और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

1. चंद्रमा की रोशनी में रखें खीर: शरद पूर्णिमा की रात को दूध और चावल की खीर बनाकर, उसे एक बर्तन में रखकर जालीदार कपड़े से ढक्कर चाँद की रोशनी में रखना चाहिए।

कारण: इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के अधिक निकट होता है, और खीर में मौजूद लैक्टोज व स्टार्च चंद्रमा की किरणों में उपस्थित तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं। ये तत्व हमारे स्वास्थ्य क्षमता को बढ़ाते हैं और मन व मस्तिष्क को शुद्ध कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

अगली सुबह: अगली सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उस खीर का भोग श्री विष्णु को लगाना चाहिए और तुरंत बाद उस खीर को प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्यों में बाँट देना चाहिए।

2. माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा करें: मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात में देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इसलिए, इस दिन माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए:

शाम को घर के अंदर और बाहर दीपक जरूर प्रज्जवलित करें।

माता की विधि-विधान से पूजा करें और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।

कमल के गट्टे की माला से 5 माला ‘ऊँ श्रीं हृं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हृं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नमः’ मंत्र का जाप करें।

3. चांदनी रात में मंत्र जाप और ध्यान: शरद पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की रोशनी में आसन लगाकर बैठ जाएं।

मंत्र जाप: ‘ऊँ भुर्भूवः स्वः अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्’ मंत्र का 108 बार जाप करें।

अर्घ्य: इसके बाद चंद्रमा को कच्चे दूध का अर्घ्य चढ़ाएं।

ध्यान: कुछ देर चाँदनी रात में बैठकर ध्यान लगाने से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

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