
CG NEWS:शिक्षक और अधिकारियों के लिए क्यों पहेली है- एक शब्द…?
CG NEWS:बिलासपुर (मनीष जायसवाल ) ।सरकारी काम काज में अगर किसी विषय को लेकर संशय की स्थिति बने तो उसे सहज और सरल करना संबंधित विभाग या नियोक्ता का दायित्व होता है।ऐसा नहीं करने से सरकारी विभाग से जुड़े कई लोगों का हित और अहित भी प्रभावित होता है तो मजबूरन पीड़ित या लाभान्वित होने वाला पक्ष न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होता है। ऐसे कुछ मामले छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती तथा पदोन्नति नियम, 2019 में प्रशिक्षित शब्द को लेकर उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में भी दायर हुए थे। इसी संबंध में गोविंद देवांगन अधिवक्ता की ओर से 16 जनवरी 2025 को एक सूचना पत्र प्रेषित कर शिक्षा सचिव एवं संचालक लोक शिक्षण संचनालय से प्रशिक्षित शब्द के संबंध में स्पष्टीकरण आदेश जारी करने की प्रार्थना किया गया है।
इसी प्रशिक्षित शब्द से जुड़े शिक्षक पदोन्नति मामले का जिक्र उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में हुए व्याख्याता पदोन्नति से भी संबंधित है जिसमें श्रवण कुमार प्रधान एवं अन्य की ओर से उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर प्रशिक्षित को विलोपित करते हुए बीएड डिग्री को अनिवार्य करने के लिए उक्त नियम 2019 को चुनौती दिया गया था, जिसमें उच्च न्यायालय ने यह माना की व्याख्याता पदोन्नति के लिए बीएड डिग्री अनिवार्य होगी इसलिए यहां पर प्रशिक्षित का मतलब बीएड समझा जाएगा।
ठीक ऐसे ही एक मामला उच्चतम न्यायालय में देवेश शर्मा के मामले में सुनवाई करते हुए बीएड डिग्री धारी को प्राइमरी शिक्षा के लिए अपात्र कर दिया गया, मतलब प्राइमरी शिक्षक के लिए बीएड प्रशिक्षित नहीं माना जाता एवं इस आधार पर उच्च न्यायालय ने भुनेश्वर साहू के मामले में यह आदेश पारित किया जिसके कारण से बहुत से सहायक शिक्षक को अपात्र माना गया।
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती तथा पदोन्नति नियम, 2019 में प्रशिक्षित शब्द को कई बार प्रयुक्त एवं उपयोग किया गया है। लेकिन प्रशिक्षित शब्द को उक्त नियम 2019 में कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है । इस प्रशिक्षित शब्द परिभाषित नहीं होने के कारण बहुत से लोगों, शिक्षकों एवं साथ ही साथ अधिकारियों में भी यह पहेली बना हुआ है..!
ऐसे में (शैक्षणिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती तथा पदोन्नति नियम, 2019 को लेकर सवाल उठते है कि प्रशिक्षित शब्द की परिभाषा अलग-अलग पद के लिए अलग-अलग होगा या सभी पदो के लिए एक समान होगा ..!
सवाल तो यह भी उठा है कि उच्च पद पर पदोन्नति में B.Ed डिग्री धारी और डीएड डिग्री धारी दोनों ही प्रशिक्षित के दायरे में आते हैं।
अहम सवाल यह भी है कि शिक्षक पदोन्नति में अनुभव का क्या मोल है। जिनकी सेवाएं शिक्षक के पद में पांच साल से लेकर बीस साल या उससे अधिक हो गई है या वह शिक्षक के रूप में सेवा देते हुए पचास साल का हो गया है उसका अनुभव भी प्रशिक्षित के दायरे में आते है या नहीं है..!
इन्हीं सवालों के इर्द गिर्द अधिवक्ता गोविंद देवांगन ने शिक्षा सचिव एवं संचालक लोक शिक्षण संचनालय को पत्र लिख कर प्रशिक्षित शब्द के संबंध में स्पष्टीकरण की बात रखते हुए आगे लिखा है कि प्रशिक्षित का अर्थ सभी पद के लिए एक समान होगा कि पद विशेष के हिसाब से प्रशिक्षित को परिभाषित किया जाएगा। लेकिन शैक्षणिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती तथा पदोन्नति नियम, 2019 को ध्यानपूर्वक अध्ययन करने से यह बात साफ नहीं होती है कि प्रशिक्षित का क्या मतलब होता है, ये भ्रांति अभी तक चल रही है इसे लेकर शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में किसी प्रकार की कोई स्पष्टीकरण आदेश (क्लेरिफिकेशन ऑर्डर) जारी नहीं किया गया जिसके कारण बहुत ही असमंजस की स्थिति निर्मित हो रही है, इस भर्ती पदोन्नति नियम बने 6 साल गुजर जाने के बाद भी इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से भी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इसलिए अब समय आ गया है कि प्रशिक्षित को परिभाषित करते हुए एक स्पष्टीकरण आदेश जारी करना कई दृष्टिकोण से जरूरी है।