CG News: स्पेशल कोर्ट ने DMF घोटाले के आरोपियों Ranu Sahu और माया की रिमांड बढ़ाई
CG News: कोरबा जिले में हुए DMF Scam में गिरफ्तार पूर्व कलेक्टर रानू साहू (Ranu Sahu) और आदिवासी विकास विभाग की पूर्व सहायक आयुक्त माया वारियर को आज ED ने विशेष कोर्ट में पेश किया।
CG News:दोनों आरोपियों की 5 दिनों की कस्टोडियल रिमांड समाप्त होने के बाद कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इस आदेश के बाद अब रानू साहू और माया वारियर 5 नवंबर तक जेल में रहेगी।
CG News: Ranu Sahu जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ रहीं। तब DMF की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है। इसका प्रमाण मिलने के बाद ED ने माया वारियर को भी गिरफ्तार किया गया है।
CG News: वहीं बतौर कलेक्टर रानू साहू पर भी DMF की रकम का अनाप-शनाप तरीके से खर्च करने का आरोप है। ED ने इसकी जांच में कई बड़े खुलासे करते हुए बताया कि DMF की रकम का बड़ा हिस्सा कमीशनखोरी में खर्च किया गया।
जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर Ranu Sahu और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।
ED के तथ्यों के मुताबिक टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर नाम के लोगों के साथ मिलकर किसी चीज की असल कीमत से ज्यादा का बिल भुगतान कर दिया। आपस में मिलकर साजिश करते हुए पैसे कमाए गए।
Ranu Sahu जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं। इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ की भी कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण कोयला घोटाले को लेकर माया वारियर के दफ्तर और घर में ED ने छापा मारा था।
DMF की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है। इसका प्रमाण मिलने के बाद ED ने 16 अक्टूबर को माया वारियर को गिरफ्तारी किया था।DMF Scam
प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमित की गई है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया।DMF Scam