
CG News-पुलिस आरक्षक ने आत्महत्या से पहले हाथ पर लिखा- “भर्ती ड्यूटी में कर्मचारियों को फंसाया जा रहा
CG News/छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में पुलिस भर्ती गड़बड़ी मामले में संदेही कांस्टेबल की आज सुबह फांसी के फंदे पर लाश मिली। परिजनों के आने के बाद शव को फंदे से उतारा गया। इस दौरान जांच में मृतक कांस्टेबल अनिल रत्नाकर के हथेली में लिखा सुसाइड नोट मिला है।
CG News/मिली जानकारी मुताबिक़ पुलिस आरक्षक ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली का खुलासा करते हुए आत्महत्या कर ली. पुलिस आरक्षक की लाश रामपुर घोरदा इलाके में एक पेड़ पर लटकी मिली थी.
CG News/सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब आरक्षक के शव को फंदे से उतारा तो उसके हथेली पर पेन लिखा सुसाइड नोट मिला, जिसने खैरागढ़ में पुलिस भर्ती प्रक्रिया घोटाला मामले में का बड़ा खुलासा किया है.
CG News/आरक्षक के हाथ पर सुसाइड नोट लिखा था कि ‘भर्ती ड्यूटी में कर्मचारियों का फंसाया जा रहा है. अधिकारियों को बचाया जा रहा है.’
जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान अनिल रत्नाकर के रूप में हुई है, जो खैरागढ़ जिले में आरक्षक के पद पर पदस्थ था. जिले में आरक्षक भर्ती मामले में 14 संदेही की जांच हो रही थी. जिसमें आरक्षक भी शामिल था. इस मामले की जांच के बीच आरक्षक के सुसाइड नोट के साथ आत्महत्या से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.
फिलहाल पुलिस ने आरक्षक के शव को पीएम के लिए भेज दिया है, साथ ही मामले की जांच में जुट गई है. मामले की जांच में अब बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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राजनांदगांव संभाग स्तर की पुलिस भर्ती प्रक्रिया के प्रथम चरण में अभ्यार्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा 16 दिसम्बर से जारी है। भर्ती प्रक्रिया के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर बाहर से टेकनिकल टीम पहुंची है, जिनके द्वारा इलेक्ट्रॉनिक डीवाइज लगाकर टेकनिकल कार्य किया जा रहा है।
साथ ही भर्ती प्रक्रिया में अलग-अलग इवेंट के लिए पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम की ड्यूटी भी लगाई गई है। एएसपी, डीएसपी स्तर के अधिकारियों द्वारा बूथ की चैकिंग की गई। इस दौरान भर्ती प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी की बात सामने आई, जिसके बाद पुलिस के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। एसपी ने आनन-फानन में थाने में अपराध दर्ज कराई। लालबाग थाने में अपराध क्रमांक 568/24 धारा 318 4, 338, 336 3, 340 2, बीएनएस पंजीबद्ध किया गया।
राजनांदगांव का पुलिस भर्ती घोटाला तो गंभीर मामला दिखता है।
आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या से पहले अपने हाथ पर जो लिखा है वह इसकी गंभीरता को बताता है।
‘कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अधिकारियों को बचाया जा रहा है। अधिकारी सब इन्वॉल्व हैं’ का मतलब साफ़ है @vishnudsai जी।… pic.twitter.com/c8D8ttZyaP
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 21, 2024