CG NEWS:बिलासपुर नगर निगम चुनाव में कई वार्डों में पानी निकासी के मुद्दे पर लोग करेंगे सवाल…. !
CG NEWS:बिलासपुर (मनीष जायसवाल) । (Chhattisgarh Urban Body Elections) राज्य बनने के बाद बिलासपुर में निकाय चुनाव आते जाते रहे हैं। शहर के निकाय की सत्ता बदलती रही है। कई ग्राम पंचायतें शहर में जुड़ गई। नगर निगम का आकार आकार बढ़ गया लेकिन इस बदलने और बनने के दौर में नगर निगम बिलासपुर ग्राम पंचायत में होने वाले निर्माण कार्यों की तकनीकी दक्षता से आगे नहीं निकल पाया । दोनो की निर्माण कार्यों की प्लानिंग और गुणवत्ता में उन्नीस बीस का ही फर्क नजर आता है।शहर की सिर्फ रेन वाटर और ड्रेनेज सिस्टम की प्लानिंग, डिजाइन ही देखा जाए तो बिलासपुर नगर निगम इंजीनियरिंग की कसौटी पर लकीर का फकीर ही साबित हुआ है..। वही समय के चक्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष से जुड़े व्यवस्था के जिम्मेदार लोग शहर की नाली को नाला बनाते रहे उसके बाद भी शहर बारिश में टापू बनता रहा ।
ऐसा लगता है कि तकनीति तौर पर व्यापार विहार से ज्वाली नाले के बीच की नालियों के ढलान का लेवल कहां पर कितना और क्या है इस बात को जानने की कोशिश जमीनी स्तर पर कागजों में की गई होगी। निर्माण कार्य के दौरान व्यवस्था के जिम्मेदार लोगों ने मनमाना अंदाज लगाया होगा यही वजह है कई बार कई बार नाली को नाला बनाने के बाद भी पुराना बस स्टैंड विद्यानगर सिटी कोतवाली चौक से लेकर कंवर राम मार्केट तक बारिश का पानी जमा हो कर रिजर्व वायर की शक्ल ले लेता है।
बीते कुछ महीनों पहले शहर के हृदय स्थल पुराना बस स्टैंड में बारिश का पानी जमा होने से रोकने के लिए छोटे नाले को बड़ा नाला बनाया गया। उसके बावजूद शहर के मध्य पुराना बस स्टैंड में जल भराव की समस्या खत्म नहीं हुई। निर्माण कार्य के दौरान शहर के मध्य ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त रही । इस दौरान लोगों ने बहुत परेशानी झेली । जिसने एक आम धारणा को जन्म दिया छोटी नाली बड़ा नाला बनाओ… पुराना तोड़ो नया बनाओ … विकास नाम की गाड़ी सिर्फ शहर के बीच ही चलाओ ..!
बात सिर्फ शहर के केंद्र बस स्टैंड क्षेत्र की करे तो इस क्षेत्र में नाली पर नाला कोई पहली बार नहीं बना है। इसके पूर्व भी सीएमडी चौक से लेकर कश्यप कालोनी तक एक बार लालापत्थर का नाला बनाया गया इसके ऊपर आरसीसी स्लैब डाला गया । बाद में बिलासपुर स्मार्ट सिटी बना तो इसी नाले को तोड़ कर फिर से चौड़ा करते हुए सीमेंट और कंक्रीट का नाला बनाया गया जिस पर ढलाई करके फुटपाथ बनाया गया जिस पर आज दुकानदार अपना काउंटर रखते हैं।
नाले निर्माण और सिटी प्लानिंग में इंजीनियरिंग की हद तो पुराना बस स्टैंड चौक में सिग्नल चौराहे के पास दिखाई देती है। नाले की साफ सफाई के लिए लोहे का एक बड़ा सा जाल बिछाया गया जिसकी वजह से अग्रसेन चौक जाने वाला लेफ्ट साइड ऊपर नीचे हो गया। अब वह जगह फल्ली ठेले वाले के काम आती है।
जल भराव की समस्या केवल पुराना बस स्टैंड तक कि ही नहीं है। चाहे वह गोल बाजार हो या विद्यानगर हो और शहर के कई निचले हिस्से यहां जलभराव की समस्या से निपटने के लिए समाधान तो किए गए पर तकनीकी तौर पर समाधान हुए ही नहीं। बारिश के दौरान नालियों का पानी सड़क पर जमा होना एक आम बात है लेकिन जब इसके उपाय किए जाते हैं तो इसका परिणाम भी दिखाई देना चाहिए।