Chhattisgarh

CG NEWS:स्कूल शिक्षा विभाग में कोई “अदृश्य शक्ति सुपर पावर” तो नहीं है….? क्यों चर्चा में है धरमजयगढ़ और कोयलीबेड़ा का उदाहरण ….?

CG NEWS:धरमजयगढ़  (मनीष जायसवाल ) । अदालत के आदेशों  में  कई बार यह बात सामने आ चुकी  है कि व्याख्याता विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनने के पात्र नहीं है…! हाल ही में कोर्ट में इसी विषय से जुड़ा अवमानना का मामला भी सुर्खियों में रहा है। इसके बावजूद  प्रदेश के करीब 146 विकास खंडों में अभी तीन से चार दर्जन के लगभग व्याख्याता शिक्षक प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर जमे हुए है। सब कुछ जानते समझते हुए भी  छत्तीसगढ़ शासन का स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय, महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर का व्याख्याताओं को बीईओ बनाने और बनाए रखने का मधुर प्रेम इस सुशासन की सरकार में भी जारी है।

Join Our WhatsApp News Group यहाँ क्लिक करे 

स्कूल शिक्षा विभाग में पूर्व की सरकार के कार्यकाल के दौरान व्याख्याता के अपात्र होने के बावजूद प्रभारी बीईओ बनाए रखने का ट्रेंड जोर शोर से आया था। वो इस सरकार में भी टॉप ट्रेंड के रूप में बरकार रहा है। जो सवाल खड़े करता है कि इस विभाग में कोई ऐसी अदृश्य शक्ति सुपर पावर तो नहीं ….? जिसकी मन मर्जी चल रही है। जो पात्र अपात्र में फर्क नहीं समझ रही है।

राज्य में सैकड़ो की संख्या में प्राचार्य वर्ग दो और राज्य प्रशासनिक सेवा से चयनित सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारियों के कैडर के रहते व्याख्याताओं पर मेहरबानी क्यों हो रही है ..? अब आलम यह है कि विभाग न्यायालय के अवमानना के मामले में गंभीर नजर नहीं दिखाई देता है..! न्यायालय के निर्देश के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इन्हें लगातार अभय दान देकर तारीखें बढ़ा रहा है। यही नहीं इस मामले में विभाग राज्य की सत्ताधारी दल की पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की शिकायतों को भी नजर अंदाज कर रहा है..!

ओडिशा में घुसकर बिलासपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई...अन्तर्राज्यीय गांजा तस्कर ने बताया...उत्तर से दक्षिण तक फैला है कारोबार

स्कूल शिक्षा विभाग के महानदी भवन में बैठे व्यवस्था की जिम्मेदार लोग लगता है कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती पदोन्नति नियम 2019 की अनुसूची दो के अंतर्गत राजपत्र में जारी अधिसूचना के अनुसार पांच वर्षों से सेवारत प्राचार्य वर्ग दो या सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी को विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाने की पात्रता जो छत्तीसगढ़ शासन की ओर से निर्धारित की गई है। इस नियम को समझने में चूक कर रहे है। यहां नियमों के जानकार अधिकारियों का अभाव दिखाई दे रहा है।

एक पहलू तो यह भी नजर आ रहा है कि इस विभाग में एक पूर्व चर्चित अफसर की  मनमानी के दौर में विभाग की व्यवस्था में उस दौर से अब तक महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अफसर उस अधिकारी की अब नकल करने लगे है …। उस अकल में विवाद बहुत हुए जो अब नकल होने पर इस सरकार में विवाद के रूप में दिखाई दे रहे है ..! बीते पांच साल स्कूल शिक्षा विभाग की भर्ती, पदोन्नति और नीतियों में विवाद आज भी बने हुए है ..! जिसका खामियाजा पीड़ित भुगत ही रहे है।

व्याख्याता को प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाने की सूची तो बड़ी लंबी है इसमें जो ट्रेंड चल रहा है उसका उदाहरण पूर्व सरकार के कार्यकाल में धरमजयगढ़ के विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पद सेवा दे रहे प्राचार्य एस. आर. सिदार को हटा कर संस्कृत विषय के व्याख्याता रविशंकर सारथी को प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी धरमजयगढ़ बनाया गया।

बात आई और गई लेकिन ऐसे व्याख्याता शिक्षक के प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनने से सबसे अधिक दिक्कत आम व्याख्याता शिक्षकों और प्राचार्यों को हुई । जूनियर शिक्षक पद की वजह से सीनियर हो गए । इनके अनुभव की कमी की सबसे अधिक दिक्कत सहायक शिक्षकों को हुई इनके नियोक्ता शिक्षकों को गाहे बगाहे दिक्कतों का सामना करना पड़ा अधिकारी आधा अधूरा पत्र जारी करते रहे। इनके किस्सों का साहित्य भी बहुत व्यापक है।

Photo: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर नवा रायपुर स्थित नए मुख्यमंत्री निवास में गृहप्रवेश किया

विष्णु देव साय सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग की अदृश्य शक्ति सुपर पावर ने तो इस ग्यारह नवम्बर को जारी आदेश में तो हद ही पार कर दी। समन्वय में अनुमोदित  इस आदेश में टी-संवर्ग के संस्कृत विषय के व्याख्याता केजुराम सिन्हा को प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया है।

केजु राम सिन्हा जिनका मूल पद व्याख्याता है वे विकास खंड शिक्षा अधिकारी कोयलीबेड़ा, जिला कांकेर में पदस्थ थे । पहले तो उनका ट्रांसफर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हाटकर्रा विकासखण्ड भानुप्रतापपुर, जिला कांकेर किया गया था। फिर सिस्टम कुछ ऐसा काम किया कि स्कूल में हुए स्थानांतरण आदेश में संशोधन करते हुए प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कांकेर, जिला कांकेर के पद पर समन्वय में अनुमोदित कर पदस्थ कर दिया गया।जबकि वे विकासखंड कोयलीबेड़ा में विवादों से घिरे रहे थे। इनको हटाने के लिए शिक्षक मोर्चा को आंदोलन का सहारा लेना पड़ा था।

राज्य बनने के पूर्व से सेवा दे रहे बहुत से व्याख्याता और इससे भी सीनियर कई प्राचार्यों की सीनियारिटी को क्रॉस करा कर इनके आत्मविश्वास कमी लाकर राजनीतिक रसूख या फिर किसी अन्य साधनों से रविशंकर सारथी और केजुराम जैसे कई व्याख्याता प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी बन रहे हैं। वही व्याख्याता प्राचार्य बनने के लिए अरसे से  पदोन्नति की राह  देख रहे है।जो कहीं न कही विष्णु देव साय सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े करते हैं । जबकि स्कूल शिक्षा मंत्री का प्रभार मुख्यमंत्री के पास है ।

Back to top button
CG News | Chhattisgarh News Latest Hindi| Breaking News| India News
close