CG कलेक्टर कॉन्फ्रेंस। रायपुर।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में इतवार को सुबह साढ़े दस बजे कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हुई।रविवार को हो रही यह अहम बैठक मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में रखी गई।
इस बैठक में चीफ सेकरेट्री विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह सहित सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर उपस्थित हैं। कॉन्फ्रेंस में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित योजनाओं पर मंथन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा कर रहे हैं।सबसे पहले खाद्य विभाग की समीक्षा के साथ बैठक शुरू हुई।जिसमें सीएम ने आगामी धान खरीदी को देखते हुए महत्वपूर्ण निर्देश अफसरों को दिए हैं।
दोपहर में सीएम विष्णुदेव साय ने शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि स्कूलों में out ड्राप कम करना है।gross enrolment ratio को बढ़ाकर १०० प्रतिशत करना है। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग समन्वय कर बाल वाडियों को सक्रिय करें।बच्चों के लिए दी गई शिक्षण सामग्रीय अलमारियों में बंद ना रह जाए उनका समुचित उपयोग बच्चों को पढ़ाने में हो।
स्थानीय भाषा बोली में प्राथमिक स्तर पर शिक्षा देने के लिए बीजापुर जिले की तारीफ़।यहाँ १०-१२वी पास स्थानीय युवाओ की सेवाएँ लेकर बच्चों की १-५ कक्षा तक स्थानीय बोली गोंडी में पढ़ाया जा रहा है।
इससे बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति बढ़ी है ड्राप आउट कम हुआ है।CM ने ३१ dec तक सभी स्कूली विद्यार्थियों के apar id बनाने कहा है।
राज्य में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलेगा।१०वीं-१२वीं के परीक्षा परिमाण सुधार के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर्स योजना बनाये।रायगढ़ जिले के इस संबंध में नवाचार की प्रशंसा हुई।रायगढ़ में ऐसे विद्यार्थियों की नियमित मंथली टेस्ट, कमजोर बच्चों के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज चलाई गई।GPM जिले ने भी अच्छा किया, हॉस्टल्स में एक्स्ट्रा क्लासेज और टेस्ट लिए गए।बच्चों की स्कूलों में शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के उपाय करे।शाला विकास समितियों, पालकों को सक्रिय करें।
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षक जहां अच्छा काम कर रहे हैं उनको प्रोत्साहित करिए।आधार बेस्ड अटेंडेंस को मॉनिटर करने की योजना बनाए, आवश्यक होने पर कार्रवाई करें।शाला विकास समिति को एक्टिव करें, शहरी क्षेत्रों में छात्रों की अनुपस्थिति पर ध्यान रखा जाए, परिजनों से संपर्क कर उपस्थिति को बढ़ाने का काम करें।
उन्होंने कहा कि – किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेगी सरकार।किसान पोर्टल में किसानों का शत-प्रतिशत पंजीयन समय पर करें पूरा। सीएम ने किसान पंजीयन में धीमी प्रगति वाले जिलों से आगे की कार्ययोजना की जानकारी ली है।

उन्होंने निर्देश दिए कि दूरस्थ अंचलों में नेटवर्क की समस्या होने पर विशेष शिविर लगाकर पंजीय करे।
प्रदेश में 15 नवंबर से धान खरीदी होनी है। सीएम ने दो टूक कहा कि धान खरीदी में अनियमितता पाए जाने पर कलेक्टर जिम्मेदार होंगे।प्रभारी सचिवों को जिलों में धान खरीदी की पैनी निगरानी करने के निर्देश भी श्री साय ने दिए।
उन्होंने कहा कि पूरी पारदर्शिता और सुगमता के साथ धान खरीदी की पुख्ता व्यवस्था हो।इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से चौकसी बढ़ाई जाएगी।अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी करने के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस 2025
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की कर रहे हैं गहन समीक्षा
खाद्य विभाग की समीक्षा के साथ बैठक में शुरू हुई चर्चा, मुख्यमंत्री श्री साय ने आगामी धान खरीदी को देखते हुए दिए महत्वपूर्ण निर्देश
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— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) October 12, 2025
इसके बाद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में कोई पात्र किसान न छूटें इसे भी ध्यान रखने मुख्यमंत्री ने कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कलेक्टर्स योजना का लाभ दिलाने समय सीमा निर्धारित कर काम करें ।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के क्रियान्वयन की समीक्षा कमिश्नरों को करने कहा।बस्तर और सरगुजा संभाग में संवेदनशीलता के साथ विशेष फोकस करें अधिकारी।
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, यह सुनिश्चित करें कलेक्टर।ग्रामीण इलाकों में हितग्राहियों को आसानी से मिले बैंक फाइनेंस की सुविधा।
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टरों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की नियमित समीक्षा और कार्यक्रमों की प्रगति निगरानी के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।स्वस्थ छत्तीसगढ़ से “सशक्त और समृद्ध छत्तीसगढ़” का सपना होगा साकार।
श्री साय ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाने शत-प्रतिशत अस्पतालों में प्रसव सुनिश्चित करने निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं और बच्चों के टीकाकरण सत्र निर्धारित तिथि पर अनिवार्य रूप से आयोजित हों और फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा इसकी निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।मैटरनल डेथ ऑडिट प्रत्येक प्रकरण में किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस रणनीति बनाई जा सके।
साथ ही एनआरसी सेंटरों का संचालन प्रभावी और सतत हो, माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
वेलनेस सेंटरों के माध्यम से गैर संचारी रोग (NCDs) के प्रति लोगों में जागरूकता का व्यापक अभियान चलाया जाए।बस्तर संभाग के जिलों में मलेरिया के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष अभियान चलाया जाए ताकि प्रदेश को मलेरिया-मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में ठोस प्रगति हो।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना अंतर्गत सभी पात्र वृद्धजनों का पंजीयन और कार्ड निर्माण प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए।
