
CG ACB-शेयर बाजार की लत ने एसबीआई के चीफ मैनेजर को पहुंचाया हवालात, बैंक के सस्पेंस अकाउंट से उड़ाए पौने तीन करोड़ रुपये
CG ACB/छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बैंकिंग प्रणाली में सेंधमारी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शेयर बाजार और ट्रेडिंग की लत ने एक उच्च पदस्थ बैंक अधिकारी को अपराधी बना दिया।
राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के एक चीफ मैनेजर को गिरफ्तार किया है, जिस पर बैंक के सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप है। आरोपी अधिकारी ने बैंक के आंतरिक खातों में हेराफेरी कर जनता और सरकार के पैसों को निजी ट्रेडिंग में उड़ा दिया।
यह पूरा मामला बैंकिंग सुरक्षा मानकों और आंतरिक निगरानी पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। आरोपी की पहचान विजय कुमार आहके के रूप में हुई है, जो रायपुर में एसबीआई की अति संवेदनशील मानी जाने वाली ‘स्पेशलाइज्ड करेंसी मैनेजमेंट शाखा’ (SCAB) में प्रमुख के पद पर तैनात थे।
इस शाखा का मुख्य काम अन्य ब्रांचों को कैश पहुंचाना और मैनेज करना होता है।
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बैंक के ‘सस्पेंस अकाउंट’ (Internal Office Account) को एक ‘ब्लैंक चेक’ की तरह इस्तेमाल किया। चूंकि इस इंटरनल खाते की कोई निर्धारित सीमा (Limit) नहीं थी, इसलिए आरोपी ने इसका फायदा उठाया और पिछले आठ महीनों में योजनाबद्ध तरीके से लगभग 2 करोड़ 78 लाख 25 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली।हैरानी की बात यह है कि बैंकिंग सिस्टम को धोखा देने के लिए आरोपी ने बेहद शातिराना तरीका अपनाया। उसने बैंक के ‘रेड फ्लैग इंडिकेटर’ (RFI) को चकमा देने के लिए निर्धारित 30 दिनों की समय सीमा से पहले ही मल्टीपल फेक एंट्रीज (Fake Entries) को रोलओवर कर दिया, जिससे सिस्टम में कोई अलर्ट जनरेट नहीं हो सका।
एसीबी की जांच में सामने आया है कि बैंक मैनेजर को ट्रेडिंग की बुरी लत थी। उसने गबन की गई राशि को अपने और अपनी पत्नी के खातों में ट्रांसफर किया और फिर ‘धन ऐप’ व ‘डेल्टा एक्सचेंज’ के जरिए क्रिप्टो करेंसी, ऑप्शंस और कमोडिटी ट्रेडिंग में निवेश कर दिया।
शुरू के महीनों में उसने कम फर्जी एंट्रियां कीं, लेकिन बाद में यह संख्या बढ़ती गई, जिसे बैंक के अन्य सहकर्मी या सुपरवाइजरी अधिकारी पकड़ने में नाकाम रहे, जो विभागीय लापरवाही की ओर इशारा करता है।
बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय से मिली शिकायत के आधार पर एसीबी ने 17 दिसंबर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद आरोपी के घर पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए। पुख्ता सबूत मिलने के बाद आरोपी चीफ मैनेजर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।






