
रिश्वतखोर शिक्षक गिरफ्तार, समग्र शिक्षक फेडरेशन के जिला अध्यक्ष को ACB ने पकड़ा
आरोपी विनोद कुमार सांडे द्वारा कहा गया कि तुम्हारी पत्नी गरिमा चौहान का बहुत दूर के स्कूल में स्थानांतरण हो रहा है। डीईओ कोरबा एवं बीईओ कटघोरा से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। यदि स्थानांतरण आदेश को निरस्त करना है तो बीईओ कार्यालय अम्बिकापुर में स्थानांतरण रोकने हेतु 2,00,000 रुपये रिश्वत की मांग की गई।
रायपुर। छत्तीसगढ़ ACB की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। Korba में रिश्वतखोर शिक्षक (teacher) को 2 लाख लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी शिक्षक ट्रांसफर के नाम पर महिला शिक्षिका के पति से 2 लाख की रिश्वत ले रहा था। इसी दौरान एसीबी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
दरअसल, प्रार्थी रामायण पटेल, निवासी नया काशी नगर, कोरबा द्वारा ACB, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि प्राथमिक शाला कोसलडी जिला कोरबा में वह प्रधान पाठक एवं उनकी पत्नी गरिमा चौहान भी शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं।
उनकी मुलाकात माध्यमिक शाला बेलतला जिला Korba में शिक्षक के रूप में पदस्थ विनोद कुमार सांडे जो कि वर्तमान में बेसिक फेडरेशन Korba के जिला अध्यक्ष भी हैं, से होती रहती थी।
आरोपी विनोद कुमार सांडे द्वारा कहा गया कि तुम्हारी पत्नी गरिमा चौहान का बहुत दूर के स्कूल में स्थानांतरण हो रहा है। डीईओ कोरबा एवं बीईओ कटघोरा से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। यदि स्थानांतरण आदेश को निरस्त करना है तो बीईओ कार्यालय अम्बिकापुर में स्थानांतरण रोकने हेतु 2,00,000 रुपये रिश्वत की मांग की गई।
प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् 17.07.2025 को ट्रैप आयोजित कर प्रार्थी से आरोपी विनोद कुमार सांडे, शिक्षक को 2,00,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसी एक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत की जा रही है।
आरोपी – विनोद कुमार सांडे
जिला जांजगीर में पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
प्रार्थी सत्येन्द्र कुमार राठौर, निवासी पुराना चंदनिया पारा, जांजगीर द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि ग्राम टुटुआर में उनके एवं परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन है। उक्त जमीन से उनकी 2 बहनों ने हकत्याग रजिस्ट्री के माध्यम से अपना हक त्याग कर दिया है, जिस पर उक्त जमीन में उनका दोनों बहनों का नाम क्रमांक 1, 4 पीटा ऋण पुस्तिका से नाम हटाने के लिए आवेदन किया गया था।
एक माह व्यतीत होने के उपरांत भी टुटुआर पटवारी बालमुकुंद राठौर द्वारा ऋण पुस्तिका से नाम नहीं हटाया गया तथा उक्त कार्य के एवज में 20,000 रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् 17.07.2025 को ट्रैप आयोजित कर प्रार्थी से पटवारी बालमुकुंद राठौर को 20,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसी एक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।