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UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बड़ा बदलाव! अब प्रीलिम्स के तुरंत बाद जारी होगी ‘प्रोविजनल आंसर की’, आपत्ति दर्ज कराने का भी मिलेगा मौका

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अपनी सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में सहमति व्यक्त की है कि अब सिविल सेवा (प्रीलिम्स) परीक्षा के तुरंत बाद ही प्रोविजनल आंसर की जारी की जाएगी, और उम्मीदवार उस पर अपनी आपत्तियाँ भी दर्ज करा सकेंगे।

यह फैसला इसलिए अहम है क्योंकि अभी तक प्रोविजनल आंसर की पूरी परीक्षा प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही जारी की जाती थी, और उम्मीदवारों को किसी भी सवाल पर आपत्ति दर्ज कराने का विकल्प नहीं मिलता था।

UPSC ने सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की मांग वाली एक याचिका के जवाब में दी है। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त न्यायमित्र, वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने सुझाव दिया था कि “प्रारंभिक परीक्षा की प्रोविजनल आंसर की परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद प्रकाशित की जानी चाहिए।”

आयोग ने 20 सितंबर को दायर अपने नए हलफनामे में कहा कि एक संवैधानिक निकाय के रूप में अपनी पवित्र भूमिका को ध्यान में रखते हुए, यूपीएससी ने विभिन्न कारकों पर विचार-विमर्श किया है और “प्रारंभिक परीक्षा आयोजित होने के बाद प्रोविजनल आंसर की जारी करने” का फैसला लिया है।

आपत्ति दर्ज करने का तरीका-प्रोविजनल आंसर की जारी होने के बाद, परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों से आपत्तियाँ मांगी जाएंगी।यूपीएससी ने कहा है कि प्रत्येक अभ्यावेदन/आपत्ति के समर्थन में तीन आधिकारिक स्रोत होने चाहिए।

जिन आपत्तियों का समर्थन आधिकारिक स्रोतों से नहीं किया जाएगा, उन्हें तुरंत खारिज कर दिया जाएगा। हालांकि, आयोग यह तय करेगा कि प्रस्तुत स्रोत आधिकारिक हैं या नहीं।

शुरुआत में, आयोग ने 13 मई को दायर एक हलफनामे में इस सुझाव को लागू करने को “प्रतिकूल परिणाम देने वाला” बताया था, लेकिन व्यापक विचार-विमर्श के बाद, यूपीएससी ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अपनी नीति में यह अहम बदलाव करने का निर्णय लिया है।

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