
Ambikapur Ration Scam-गरीबों के हक का 65 लाख का अनाज गुल, पुलिस ने फरार अध्यक्ष और विक्रेता को दबोचा
इस बड़े घोटाले का खुलासा तब हुआ जब खाद्य विभाग की संयुक्त जांच टीम ने सितंबर 2022 से मार्च 2024 के बीच तीन शासकीय उचित मूल्य दुकानों (Ration Shop Fraud Surguja) का भौतिक सत्यापन किया। जांच में पाया गया कि दुकानों से भारी मात्रा में राशन गायब है, जो कागजों पर तो वितरित दिखाया गया था लेकिन वास्तव में गोदामों से नदारद था।
Ambikapur Ration Scam/अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में सरकारी राशन के वितरण (Ration Shop Fraud Surguja) में हुई भारी अनियमितता और करीब 65 लाख रुपये के खाद्यान्न गबन मामले में पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है।
अंबिकापुर के घुटरापारा स्थित जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों में हुए इस घोटाले में पुलिस ने फरार चल रहे समिति के अध्यक्ष पवन सिंह और सहायक विक्रेता सैफ अली को गिरफ्तार कर लिया है।
Ambikapur Ration Scam/यह कार्रवाई उस समय हुई जब पुलिस को सूचना मिली कि दोनों आरोपी क्षेत्र में ही कहीं छिपे हुए हैं, जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने गबन की बात स्वीकार की, जिसके बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
इस बड़े घोटाले का खुलासा तब हुआ जब खाद्य विभाग की संयुक्त जांच टीम ने सितंबर 2022 से मार्च 2024 के बीच तीन शासकीय उचित मूल्य दुकानों (Ration Shop Fraud Surguja) का भौतिक सत्यापन किया। जांच में पाया गया कि दुकानों से भारी मात्रा में राशन गायब है, जो कागजों पर तो वितरित दिखाया गया था लेकिन वास्तव में गोदामों से नदारद था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 1631 क्विंटल से अधिक चावल, 10 क्विंटल शक्कर और 48 क्विंटल से ज्यादा चना गायब पाया गया, जिसकी कुल बाजार कीमत 64 लाख 94 हजार रुपये से अधिक आंकी गई है।
गरीबों के निवाले पर डाका डालने के इस मामले में सहायक कलेक्टर (खाद्य शाखा) शिव कुमार मिश्रा की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आवश्यक वस्तु अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
पुलिस के मुताबिक, इस मामले में कुल पांच लोगों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया था। इससे पहले पुलिस ने समिति की उपाध्यक्ष सुनीता पैकरा सहित मुकेश यादव और फरहान सिद्दीकी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि अध्यक्ष और सहायक विक्रेता फरार चल रहे थे। अब तक इस प्रकरण में सभी पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से राशन माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि इतने बड़े पैमाने पर गबन किए गए अनाज को कहां खपाया गया और क्या इसमें कुछ अन्य लोग भी शामिल थे।














