
Modi Nitin Nabin Amit Shah Meeting- क्या बीजेपी की यह नई टीम बदल देगी पूर्व और दक्षिण का सियासी समीकरण?
संसद सत्र के बाद भाजपा ने पूर्व और दक्षिण भारत में अपनी चुनावी रणनीति तेज कर दी है. प्रधानमंत्री मोदी विकास परियोजनाओं और जनसभाओं के साथ पश्चिम बंगाल व असम पर केंद्रित हैं, जबकि नितिन नबीन दक्षिण भारत में संगठन मजबूत कर रहे हैं. अमित शाह चुनावी प्रबंधन संभालेंगे. यह त्रिस्तरीय रणनीति 2026 चुनावों में भाजपा के राष्ट्रीय विस्तार और निर्णायक बढ़त हासिल करने के लिए अपनाई गई है.
Modi Nitin Nabin Amit Shah Meeting/संसद के शीतकालीन सत्र की समाप्ति के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। संगठन और सरकार के स्तर पर हलचलें तेज हो गई हैं, जहां पार्टी का मुख्य फोकस अब पूर्वी और दक्षिणी भारत के राज्यों पर केंद्रित है।
इसी व्यापक रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 और 21 दिसंबर को पूर्वी भारत के महत्वपूर्ण दौरे पर हैं, जबकि पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन को दक्षिण भारत के दुर्ग को साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि इन दोनों क्षेत्रों में निर्णायक विस्तार के बिना राष्ट्रीय राजनीतिक बढ़त का लक्ष्य अधूरा रहेगा, इसीलिए नेतृत्व ने अपनी पूरी ताकत यहां झोंक दी है।
Modi Nitin Nabin Amit Shah Meeting/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पश्चिम बंगाल और असम दौरा महज सरकारी कार्यक्रमों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सियासी संदेश का हिस्सा है।
पश्चिम बंगाल में 3200 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के माध्यम से जहां विकास का नैरेटिव सेट किया जा रहा है, वहीं नादिया की जनसभा में पीएम मोदी ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ, शरणार्थियों की समस्या और ‘विकसित भारत’ जैसे मुद्दों को उठाकर राज्य में चुनावी माहौल को गरमा दिया है।
जानकारी के अनुसार, अगले दो महीनों में प्रधानमंत्री की बंगाल में 7 से 8 बड़ी जनसभाएं प्रस्तावित हैं, जो यह दर्शाती हैं कि पार्टी विकास बनाम तुष्टिकरण के मुद्दे पर बंगाल में अपनी जड़ें और मजबूत करना चाहती है। वहीं, असम में गोपीनाथ बरदोलोई हवाई अड्डे के नए टर्मिनल और अमोनिया-यूरिया परियोजना जैसी सौगातें देकर पीएम ने स्थानीय अस्मिता और प्रगति को जोड़ने की कोशिश की है।
दूसरी ओर, दक्षिण भारत में बीजेपी की रणनीति को धार देने के लिए नितिन नबीन ने मोर्चा संभाल लिया है। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अपने पहले दौरे के तहत वे पुडुचेरी और चेन्नई में हैं, जहां उनके साथ केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य संगठन की समीक्षा करना और कैडर में नया उत्साह भरना है।
BJP National Working President Shri @NitinNabin paid floral tributes to Subramanian Bharati and Babasaheb Dr. B. R. Ambedkar in Puducherry, honouring their enduring legacy of thought, reform, and nation-building. pic.twitter.com/3IOLcOMco2
— BJP (@BJP4India) December 20, 2025
दक्षिण भारत के राज्यों में चुनावी तैयारियों का आकलन करना नितिन नबीन की प्राथमिकता है।
इसी क्रम में रणनीतिक मोर्चे को मजबूती देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी 29-30 दिसंबर को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का दौरा प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि अमित शाह इन राज्यों में चुनावी प्रबंधन और जमीनी स्तर की रणनीति को अंतिम रूप देंगे।
Offered prayers at Angaala Paramaeswari Amman Temple, seeking divine blessings for the wellbeing, peace, and prosperity of all.
📍 Puducherry pic.twitter.com/yVf9qpVKll
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 20, 2025
कुल मिलाकर, बीजेपी ने आगामी चुनावों के लिए एक सुव्यवस्थित ‘त्रि-स्तरीय रणनीति’ तैयार की है। इस योजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास और नेतृत्व का प्रमुख चेहरा होंगे, गृह मंत्री अमित शाह चुनावी प्रबंधन और रणनीति के सूत्रधार बनेंगे, जबकि नितिन नबीन संगठनात्मक मशीनरी को सक्रिय कर उसे नई दिशा देंगे।
संसद सत्र के समापन के तुरंत बाद शुरू हुई इस सक्रियता से ऐसा लग रहा है कि BJP अब चुनावों को अलग-अलग राज्यों की लड़ाई के बजाय एक ‘राष्ट्रीय विस्तार योजना’ के रूप में देख रही है, जिसमें पूर्व और दक्षिण भारत के चुनावी राज्य सबसे अहम कड़ी बन चुके हैं।




