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UP TET UP TGT and UP PGT exams-4 साल से अटकी टीईटी और 13 लाख युवाओं का इंतजार, नए आयोग अध्यक्ष प्रशांत कुमार के सामने अब ये हैं 4 बड़ी अग्निपरीक्षाएं

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के नए अध्यक्ष पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के समक्ष जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) भी कराने की चुनौती है। शिक्षक पात्रता परीक्षा चार साल से नहीं हुई है।

UP TET UP TGT and UP PGT exams/लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की कमान पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार के हाथों में आने के बाद प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं और शिक्षकों में नई उम्मीद जगी है, लेकिन नए अध्यक्ष के लिए यह राह कांटों भरी साबित होने वाली है। आयोग के सामने लंबित परीक्षाओं को पूरा कराने और नई भर्तियां निकालने का भारी दबाव है। सबसे बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) को लेकर है, जो पिछले चार सालों से आयोजित नहीं हो सकी है।

आखिरी बार यह परीक्षा पेपर लीक विवादों के बाद 21 जनवरी 2022 को कराई गई थी, जिसका परिणाम अप्रैल 2022 में आया था। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा परिषदीय शिक्षकों के लिए टीईटी (UP TET UP TGT and UP PGT exams) अनिवार्य किए जाने के आदेश के बाद इसकी महत्ता और बढ़ गई है। आयोग ने 29 और 30 जनवरी को परीक्षा की तारीखें प्रस्तावित की थीं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इतने कम समय में परीक्षा का सफल आयोजन लगभग नामुमकिन नजर आ रहा है, जिससे अभ्यर्थियों में बेचैनी बढ़ गई है।

आयोग के लिए दूसरी बड़ी अग्निपरीक्षा एडेड महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 910 पदों पर रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना है। इसके लिए अगस्त 2022 तक आवेदन लिए गए थे और करीब एक लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था।

लिखित परीक्षा हो चुकी है, लेकिन परिणाम घोषित करने से पहले अभ्यर्थियों की आपत्तियों का निस्तारण करना और साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू करना एक बड़ा टास्क है। इसके अलावा, प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी और पीजीटी (UP TET UP TGT and UP PGT exams) के कुल 4163 पदों पर भर्ती भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इन पदों के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

बार-बार परीक्षा तिथियां टलने के कारण प्रतियोगी छात्र भारी मानसिक दबाव में हैं और वे जल्द से जल्द परीक्षा कैलेंडर जारी करने की मांग कर रहे हैं।

इन पुरानी लंबित भर्तियों को निपटाने के साथ-साथ नए अध्यक्ष प्रशांत कुमार के सामने 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करने का भी लक्ष्य होगा। सरकार युवाओं को सकारात्मक संदेश देने के लिए सभी विभागों से रिक्त पदों का अधियाचन मंगवाकर नई प्रक्रिया शुरू करना चाहती है।

ऐसे में यूपी-टीईटी का आयोजन, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का रिजल्ट, टीजीटी-पीजीटी की परीक्षा और नई शिक्षक भर्ती निकालना, ये चार मुख्य चुनौतियां हैं जिन पर आयोग की कार्यप्रणाली की परीक्षा होगी। प्रदेश के युवा अब यह देखने को आतुर हैं कि पुलिस महकमे में अपनी सख्त छवि के लिए पहचाने जाने वाले प्रशांत कुमार शिक्षा आयोग की सुस्त चाल को कितनी रफ्तार दे पाते हैं।

Shri Mi

पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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