
महिला शिक्षक संघ ने सांसद को सौंपा ज्ञापन: TET अनिवार्यता रद्द करने की उठाई मांग
भदोही। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का विरोध अब तेज होता जा रहा है।
15 दिसंबर को शिक्षक संघ महिला विंग की टीम ने भदोही सांसद डॉ. विनोद बिंद से मुलाकात कर प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। महिला शिक्षकों ने पुरजोर मांग की है कि सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता को पूरी तरह समाप्त किया जाए।
मिर्जापुर मंडल अध्यक्ष आराधना दुबे और भदोही जिला अध्यक्ष प्रीति मौर्य के नेतृत्व में पहुंची टीम ने सांसद को अवगत कराया कि इस नियम से वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों के भविष्य पर तलवार लटक रही है।
संघ की महामंत्री अनीता पाल और सुषमा मौर्य ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस मांग पर विचार नहीं करती है, तो भविष्य में इस अभियान को और अधिक व्यापक बनाया जाएगा। इस दौरान औराई ब्लॉक महामंत्री वंदना सहित बड़ी संख्या में महिला शिक्षक उपस्थित रहीं।
इधर सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले सोमवार को बड़ी संख्या में पेंशनरों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया।
अपनी मांगों को लेकर अडिग पेंशनरों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और भारत सरकार को ज्ञापन भेजा, जिसमें पेंशन लाभों में हो रहे भेदभाव को दूर करने की मांग की गई है।
पेंशनरों का आरोप है कि इस विधेयक में तिथि के आधार पर भेदभाव पैदा करने वाले अंश जोड़े गए हैं, जिन्हें तत्काल हटाया जाए।
आठवां वेतन आयोग: केंद्रीय आठवें वेतन आयोग के गठन में पेंशनर पुनरीक्षण और अन्य लाभों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
पेंशनर्स एसोसिएशन ने बताया कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। इससे पहले 29 नवंबर 2025 को भी प्रदेशव्यापी कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया गया था।
संगठन का कहना है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को हमेशा से एक ही श्रेणी में रखा जाता रहा है, लेकिन नए नियमों से उनके बीच वर्ग विभाजन किया जा रहा है जो स्वीकार्य नहीं है। धरने में जिले के सैकड़ों सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हुए।





