
Teacher News- 1 व्याख्याता की याचिका से 2813 प्राचार्य की सूची अवरुद्ध,75% शालाओं में 10-12 वर्षों से नहीं है प्राचार्य, पदोन्नत प्राचार्य की पोस्टिंग की मांग
Teacher News-रायपुर। शिक्षा विभाग में 10 और आदिम जाति कल्याण विभाग में 12 वर्षों से प्राचार्य की पदोन्नति नहीं हुई है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में 1897 हाई स्कूल और 2886 हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित है.
कुल 4783 स्कूल में प्राचार्य के पास स्वीकृत है, जिसके विरुद्ध हाई स्कूल में 1565 व हायर सेकेंडरी स्कूल में 2011 कुल 3576 स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त है, यह कुल प्राचार्य की 75% संख्या है।प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि 75 प्रतिशत शालाओं में प्राचार्य नहीं है, बल्कि ऐसे सभी शाला प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित है
प्रदेश में इस वर्ष मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान आरंभ किया गया है जिसके तहत हायर सेकेंडरी स्कूल और संकुल के माध्यम से कक्षा पहली से 12वीं तक के शिक्षा का उन्मुखीकरण व उत्तरोत्तर विकास किया जाना प्रस्तावित है, प्राचार्य अपने संकुल के प्रमुख होते हैं इससे पूरे प्रदेश के कक्षा पहली से 12वीं तक की शाला संकुल व्यवस्था के अंतर्गत समाहित है
अब ऐसे संकुल मुख्यालय में पूर्णकालिक प्राचार्य नहीं होने से प्रभारी प्राचार्य के भरोसे पूरे प्रदेश की स्कूली शिक्षा संचालित है।मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान ऊपरी स्तर पर निर्देश में सही ढंग से संचालित हो पा रहा है लेकिन शालाओं में संकुल शाला प्राचार्य के अधिकांश पद रिक्त होने के कारण वह कसावट नहीं आ रहा है जिसकी संभावना थी।
30 अप्रैल को 2813 प्राचार्य की पदोन्नति सूची जारी की गई थी जिसमें ई संवर्ग के 1478 व टी संवर्ग के 1335 व्याख्याता/ प्रधान पाठक को प्राचार्य पदोन्नति दी गई है, किंतु इनकी पोस्टिंग में ढाई माह से अवरोध है। 1 मई को डबल बेंच ने पोस्टिंग पर रोक लगाया था 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई करते हुए अंततः 5 मई 2019 के नियम को सही मानते हुए हाईकोर्ट डबल बेंच में लगे हुए समस्त याचिकाओं को निराकृत करते हुए 1 जुलाई को खारिज किया, तब उम्मीद थी कि शीघ्र प्राचार्य को पोस्टिंग दी जाएगी.
किंतु इसके बाद एक व्याख्याता नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका सिंगल बेंच से स्टे हो गई और इसके कारण विभाग पोस्टिंग नहीं कर सका। रुक-रुक कर लगातार इसमें सुनवाई जारी है और प्राचार्य पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में अवरोध करने की नीयत से कई इंटर विनर व याचिकाएं लगाई गई है, याचिकाकर्ता नारायण प्रकाश तिवारी जी 30 जून को व्याख्याता पद से रिटायर भी हो चुके है।
सिंगल बेंच में 16 जुलाई को एक ऐसी याचिका पर बहस हुई जिसमें याचिका करता रिटायर हो चुके हैं और समान प्रकृति के केश का निराकरण डबल बेंच में निराकृत हुआ है, बहस के दौरान यह महसूस हुआ की न्याय पाने के अलावा पोस्टिंग को अवरुद्ध करने का प्रयास हो रहा है, क्योंकि अतिरिक्त महाधिवक्ता ने पक्ष रखा की याचिकाकर्ता के लिए 1 पद छोड़ा जा सकता है, 27 याचिकाकर्ताओं के लिए 27 पद छोड़ा जा सकता है, किंतु निर्णय नहीं हुआ, प्राचार्य पदोन्नति की अवरोध याचिका में आगे सुनवाई 23 जुलाई को है यह संभव है की और कोई नया अवरोध आ जाये।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि प्राचार्य पदोन्नति के बाद पोस्टिंग कब होगी कोई नहीं बता सकता, क्योकि हमे लगता है ट्रायवल विभाग की प्राचार्य पदोन्नति सूची में कोई अवरोध या रोक नही है, अब इस सूची पर पदोन्नत प्राचार्य की पोस्टिंग किया जाये। शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षक संवर्ग इस ओर नजर लगाए हुए थे.
लेकिन शिक्षा विभाग में 10 वर्ष और आदिम जाति कल्याण विभाग में 12 वर्ष बाद भी जारी की गई प्राचार्य पदोन्नति सूची के 2813 प्राचार्य की पदस्थापना ढाई महीने में भी नहीं हो पाया, विभाग ने प्रयास किया पर न्यायालय के रास्ते अभी भी पोस्टिंग रुका हुआ है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा हाई कोर्ट सिंगल व डबल बैंच के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाया गया व हस्तक्षेप याचिका भी लगाया गया।
संजय शर्मा ने कहा है कि शालाओं में गुणवत्ता तभी बढ़ेगी जब रिक्त शालाओं में प्राचार्य की पोस्टिंग होगी इस विषय में माननीय मुख्यमंत्री, सचिव शिक्षा महोदय व संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़ से लगातार छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने पत्राचार किया और चर्चा कर शीघ्र पोस्टिंग करने का आग्रह किया है। शिक्षा के उच्च स्तर को प्राप्त करने हेतु प्राचार्य की पोस्टिंग के साथ ही साथ स्कूलों के समस्त पद की पूर्ति पदोन्नति व सीधी भर्ती शीघ्र किया जाना चाहिए।