ChhattisgarhBilaspur News
संविधान और ओबीसी की बात करना अपराध…तो करूंगा अपराध..कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा..सरकार ने किया ओबीसी से अन्याय..देंगे गिरफ्तारी
विजय केशरवानी नें सरकार से पूछा...कौन सा फार्मूला करते है इस्तेमाल
बिलासपुर—यदि संविधान और संविधान के अनुसार ओबीसी,एससी,एसटी और महिलाओं के हितों की बात करना अपारध है…तो यह अपराध बार बार करूंगा। कांग्रेस पार्टी गीदड़ भभकी डरने वाली नहीं है। यह बातें ओबीसी आरक्षण विवाद को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही। इस दौरान विजय पाण्डेय और विजय केशरवानी ने बताया कि भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी के आरक्षण में कटौती किया है। हमें किसी वर्ग के खिलाफ अन्याय बर्दास्त नहीं है। विजय ने कहा कि हम धमकी से डरनेवाले नहीं है। 15 जनवरी को हम सिविल लाइन पहुंचकर गिरफ्तारी देंगे।
कांग्रेस नेता विजय केशवरानी और विजय पाण्डेय समेत मेयर रामशरण यादव, प्रमोद नायक,समीर बबला ने संयुक्त प्रेस वार्ता किया। दोनो जिलाध्यक्षों ने ओबीसी के आरक्षण में कटौती का पुरजोर विरोध किया। विजय पाण्डेय ने पत्रकारों को बिलासपुर समेत प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी की स्थिति से अवगत कराया। उन्होने कहा कि प्रदेश में ओबीसी की सर्वाधिक आबादी है। बावजूद इसके ओबीसी को मात्र सात जिला पंचायत अध्यक्ष पद दिया है।
विजय केशरवानी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों से छेड़छाड़ कर संविधान में दिए गए अधिकारों का हनन किया है। दुर्भावना पूर्वक संशोधन कर अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में ओबीसी आरक्षण खत्म कर षड़यंत्र पूर्वक संविधानिक अधिकारों का छीनने प्रयास किया है।
केशरवानी ने बताया कि प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में पहले 25 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थी। अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म कर दिया गया है। उन्होने बताया कि मैदानी क्षेत्रों में अनेकों पंचायतें ऐसी है जहां पर लगभग 90 से 99 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है। लेकिन ओबीसी के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात से बहुत ही कम है।
पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में दुर्भावना पूर्वक संशोधन किया है। अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था। सभी को छीन लिया है।
केशरवानी ने बताया कि बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत और बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर समेत मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच और पंचों के आरक्षण में ओबीसी के अधिकारों में बड़ी डकैती हुई है। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत में 16 क्षेत्रों में से सिर्फ 4 ओबीसी के लिए आरक्षित है।
बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से केवल एक क्षेत्र ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से एक भी सीट आरक्षित नहीं है। बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायत में दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, एक अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। ओबीसी के लिए बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायतों में एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार की बदनियति से पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं।बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में ओबीसी वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है। जबकि यहां बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग की है। भाजपा सरकार ने दुर्भावना पूर्वक संशोधन से पिछड़ा वर्ग के प्रतिभागियों के अधिकार को कुचल दिया है।
विजय केशरवानी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी का मूल चरित्र आरक्षण विरोधी है। विपक्ष में रहने के दौारन उन्होने विधासभा से पारित छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक का विरोध किाय। और अब स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण नियमों में बदलाव कर ओबीसी अधिकारों में कटौती किया है। सवाल जवाब के दौरान विजय केशरवानी ने कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं है। यदि भाजपा सरकार और उनके नेताओं को लगता है कि हमने कानून विरोधी कुछ किया है। या सौहार्ध बिगाड़ने का प्रयास किया है तो गिरफ्तार करे। यदि कल तक नही किया तो हम कांग्रेसी सिविल लाइन थाना पहुंचकर गिरफ्तारी देंगे।