
नौकरी का सौदा पड़ा महंगा: 40 हजार की रिश्वत लेते सहकारिता निरीक्षक रंगे हाथों गिरफ्तार, एसीबी ने दफ्तर में ही दबोचा
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।
सूरजपुर जिले में संविदा नियुक्ति प्रक्रिया में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफाश करते हुए एसीबी अंबिकापुर की टीम ने बुधवार देर शाम सहकारिता निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी अधिकारी नियुक्ति पत्र जारी करने के एवज में अभ्यर्थी से मोटी रकम वसूल रहा था। भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई इस त्वरित कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है।
यह पूरा मामला राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की योजना के तहत होने वाली संविदा भर्तियों से जुड़ा है। सूरजपुर जिले के पांच विकासखंडों—रामानुजनगर, प्रेमनगर, सूरजपुर, भैयाथान और प्रतापपुर में बहुउद्देशीय किसान उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया गया है, जहां लेखापाल और सीईओ के पदों पर नियुक्तियां होनी थीं।
प्रतापपुर विकासखंड के करसी निवासी शुभम जायसवाल ने ‘मां समलेश्वरी बहुउद्देशीय कृषक उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित’ में लेखापाल पद के लिए आवेदन किया था। शुभम ने अपनी योग्यता साबित करते हुए दस्तावेज सत्यापन, टाइपिंग टेस्ट और साक्षात्कार पास कर लिया था और उनका नाम पात्र सूची में शामिल था।
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद सहकारिता निरीक्षक अभिषेक सोनी ने नियुक्ति आदेश जारी करने के बदले शुभम के सामने रुपयों की डिमांड रख दी। आरोपी अधिकारी ने शुरुआत में डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
जब बेरोजगार अभ्यर्थी ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई, तो अधिकारी ने सौदा 80 हजार रुपये में तय किया। हद तो तब हो गई जब आरोपी ने अभ्यर्थी को अल्टीमेटम दे दिया कि यदि 17 दिसंबर 2025 तक पैसे नहीं मिले, तो वह किसी और को नौकरी दे देगा। अधिकारी के इस रवैये से परेशान होकर शुभम ने एसीबी अंबिकापुर का दरवाजा खटखटाया।
एसीबी की टीम ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जाल बिछाया।
तयशुदा योजना के तहत जैसे ही शुभम बुधवार रात करीब 8:25 बजे सूरजपुर स्थित उपायुक्त सहकारिता कार्यालय पहुंचा और 40 हजार रुपये की पहली किश्त अभिषेक सोनी को थमाई, मौके पर मौजूद एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया।
एसीबी अंबिकापुर के डीएसपी प्रमोद कुमार खेस ने बताया कि शिकायत प्राप्त होते ही त्वरित कार्रवाई की गई और आरोपी को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया गया है। अब आरोपी सहकारिता निरीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।






