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VIDEO: रातों रात जतिया तालाब बना शहर का सिवरेज टैंक..अधिकारियों की लापरवाही..STP भी बन्द..सौंदर्यीकरण में खर्च करोड़ों रूपये स्वाहा…कमिश्नर ने कहा..जांच करेंगे..एक्शन भी लेंगे

कलेक्टर, कमिश्नर के प्रयास पर अधिकारियों ने फेरा पानी...

बिलासपुर—जतिया तालाब का नाम सामने आते ही पुलिस प्रशासन के कान खड़े हो जाते है। हो भी क्यों ना…जतिया तालाब क्षेत्र हमेशा से जुआरियों,नशेड़ियों और नशे के सौदागरों का हमेशा से अड्डा रहा है। इस बात को ध्यान में रखकर जतिया तालाब और आस-पास के क्षेत्र को स्मार्ट सिटी में रखा गया है। स्मार्ट सिटी प्रशासन ने करीब पांच करोड़ रूपये खर्च कर जतिया तालाब का सौंदर्यीकरण किया। लेकिन पिछले 24 घंटों में निगम के लापरवाह अधिकारियों ने जतिया तालाब को शहर का सिवरेज टैंक बना दिया है। जल स्तर बढ़ाने के लिए बिना ट्रीटमेन्ट किये शहर के सिवरेज का मुंह जतिया तालाब में खोल दिया है। चौबीस घंटे के अन्दर तालाब में गंदगी का अंबार लग गया है। मामला सामने आने के बाद अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे है। मामले में निगम कमिश्नर अमित कुमार ने कहा कि जांच कराएंगे। यदि ऐसा कुछ पाया गया तो दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे। जानकारी देते चलें कि पानी ट्रीटमेन्ट के लिए लगाया 2 करोड़ का प्लान्ट यानी एसटीपी स्थापना के बाद से आज तक बिगड़ा हुआ है। मामले में निकाय मंत्री अरूण साव ने भी कठोर कार्रवाई की बात कही है। 

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ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लेकिन बन्द

बिलासपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आने के बाद शहर का एक विशेष क्षेत्र को परिकल्पना के अनुसार शासन ने विकसित करने का लक्ष्य रखा। प्रोजेक्ट में जतिया तालाब क्षेत्र प्रमुख है। स्मार्ट सिटी प्रशासन ने अपराध जगत का पर्याय समझे जाने वाले जतिया तालाब और आसपास को सुनियोजित तरीके से विकसित करना शुरू किया। इसी क्रम में स्मार्ट सिटी प्रशासन ने सबसे पहले शहर के बीच स्थित जतिया तालाब का रख रखाव शुरू किया। सौंदर्यीकरण पर करीब पांच करो़ड़ रूपये खर्च कर तालाब को देखने लायक बनाया। तालाब से लगकर दो करोड़ की लागत से सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किया गया। मजेदार बात है कि उद्घाटन के समय से आज तक सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट यानी एसटीपी ने एक भी दिन काम नहीं किया। वजह साफ है कि प्लान्ट बिगड़ा है।

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जतिया तालाब संवेदनशील

       सौंदर्यीकरण के बाद तालाब का हमेशा की तरह व्हीआईपी ने लोकार्पित किया। लोकार्पण के दौरान लाखों रुपये खर्च हुए। बावजूद इसके निगम अधिकारी अपनी लापरवाही की आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। बताते चलें कि जिला समेत निगम और पुलिस प्रशासन जतिया तालाब को लेकर बेहद संवेदनशील है। दो दिन पहले ही कलेक्टर अवनीश शरण,पुलिस कप्तान रजनेश सिंह और कमिश्नर अमित कुमार ने देर रात जतिया तालाब मुआयना किया। तीनों आला अधिकारियों ने क्षेत्र को विकसित करने को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिया। साथ ही तालाब का जल स्तर बढाने को लेकर चिंता जाहिर किया।

एसटीपी बन्द..क्लोरीन से करेंगे ट्रीटमेन्ट

 आलाधिकारियों को खुश करने जोन कर्मचारियों ने तालाब का जलस्तर बढ़ाने का अच्छा उपाय ढूंढ निकाला। देर रात्रि शहर के सिवरेज का मुंह तालाब में खोल दिया। सुबह करीब 11 बजे के आस पास लोगों ने देखा कि तालाब में सैकड़ों गैलन शहर का सबसे गंदा पानी तालाब में पहुंच गया है। वीडियो बनाते समय मौके पर मौजूद चौकीदार ने तत्काल अपने अधिकारी को फोन किया। अधिकारी ने तत्काल नाली बन्द करने का ना केवल आदेश सुनाया। बल्कि तर्क भी दिया कि बेशक एसटीपी बन्द है लेकिन गंदे पानी को क्लोरीन डालकर साफ कर दिया जाएगा।

 एसटीपी बन्द..फिर भी दावा

 जानकारी देते चलें कि जतिया तालाब में दो करोड़ की लागत से ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लगाया गया है। नियमानुसार शहर के गंदे पानी को ट्रीटमेन्ट तालाब में छोड़ा जाना है। लेकिन ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लगने के बाद आज तक चालू नहीं हुआ है। मतलब बिगड़ा है। सवाल उठाना लाजिम है कि जब प्लान्ट काम नहीं कर रहा है तो साफ पानी कहां से लाया जाएगा। बहरहाल बिना सोचे समझे आलाधिकारियों को खुश करने जूनियर अधिकारियों ने शहर की नालियों का मुंह तालाब में खोल दिया है। खबर लिखे जाने तक बहरहाल नाली को बन्द कर दिया गया है।

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जांच करेंगे..कार्रवाई होगी

स्मार्ट सिटी एमडी अमित कुमार ने सीजीवाल को बताया कि बिना ट्रीटमेन्ट के पानी को तालाब में नहीं डाला सकता है। यदि ऐसा किया गया है तो जांच करेंगे..दोषी पाए जाने पर जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे। शिकायत गंभीर है..।

अधिकारियों को देंगे निर्देश

निकाय मंत्री अरूण साव ने बताया कि लापरवाही है। अधिकारी को निर्देश देंगे। मामले में जांच करें..और सख्त कार्रवाई कर अधिकारियों को कड़ा संदेश दें।

Bhaskar Mishra

पत्रकारिता के क्षेत्र में लगभग 16 साल का अनुभव।विभिन्न माध्यमों से पत्रकारिता के क्षेत्र मे काम करने का अवसर मिला।यह प्रयोग अब भी जारी है।वर्तमान में CGWALL में संपादकीय कार्य कर रहा… More »
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