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स्वास्थ्य मंत्री का आदेश…..बढ़ गयी डीन और एमएस की शक्ति…मेडिकल कालेज और अस्पतालों को श्याम ने बनाया पावरफुल
राज्य गठन के बाद पहली बार नियमों में संशोधन,अधिष्ठाता,अस्पताल अधीक्षकों बढ़ गया अधिकार
बिलासपुर—मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में राज्य के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के स्वशासी सोसायटियों की बैठक हुई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों के वित्तीय विकेंद्रीकरण के विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जानकारी के अनुसार महाविद्यालय स्तर पर स्वशासी सोसायटियों का सुदृढिकरण होगा। आवश्यक कार्यों के लिए शासन पर निर्भरता कम होगी।, अतिआवश्यक कार्य समय सीमा पर संपन्न हो सकेंगे।
चिकित्सा महाविद्यालयों और संबद्ध अस्पतालो को अतिआवश्यक दवाइयां, चिकित्सकीय उपकरणों की खरीदी मरम्मत, रखरखाव, कन्ज्यूमेबल समेत अन् जरूरी सामग्री की तात्कालिक उपचार के लिए आवश्यकता हमेशा रहती है। लेकिन मेडिकल कालेजों के अधिष्ठाता और अस्पताल अधीक्षकों के पास सामानो को खरीदने अथवा मरम्मत के लिए बहुत सीमित शक्तियां होती है। इसके लिए अधिकारियों को शासन स्तर पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्तीय अधिकारों के नियम मे संशोधन कर बेवजह आने वाली समस्याओं को दूर करने का फैसला किया है।
डीन और एमएस की शक्तियों में बृद्धि
पहले मेडिकल कालेजों के अधिष्ठाता और अस्पताल अधीक्षकों को 1 लाख रूपए से उपर के लघु निर्माण, मरम्मत, दवा खरीदी के लिए मंत्रालय स्तर पर फाइल भेजनी पड़ती थी। नए निर्णय से अब 10 लाख रूपए तक का वित्तीय अधिकार होगा। इसके लिए शासन स्तर से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। औजारों और लघु उपकरणों की खरीदी अथवा मरम्मत के लिए 1 लाख रूपए तक का वित्तीय अधिकार था इसे बढ़ाकर 10 लाख रूपए करने की सहमति स्वशासी समिति की बैठक में लिया गया। इसके अलावा भण्डार तथा रिएजेंट की खरीदी के लिए 20 हजार रूपए तक की शक्तियां थी । अधिष्ठाता और अस्पताल अधीक्षक की शक्तियां अब बढ़ा दी गयी हैं।
स्वशासी सोसायटियों का पुनर्गठन
राज्य के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों की स्वशासी सोसायटियों का गठन महाविद्यालय की स्थापना के साथ अलग अलग समय पर हुआ है। सोसायटियों के लिए कोई एक निर्धारित गाइड लाइन या नियमावली का निर्धारण नहीं किया गया है। सोसायटियों को होने वाली आय व्यय के अनुमोदन के लिए भी कोई मानकीकरण प्रक्रिया नहीं है। एकरूपता लाने के लिए माडल स्वशासी सोसायटियों का ड्राफ्ट प्रशासकीय विभाग ने अनुमोदित कर जारी कर दिया है। इसके पहले सिर्फ सामान्य सभा को ही अधिकार प्राप्त थे।, लेकिन नए ड्राफ्ट के अनुसार सामान्य सभा के अधिकारों का विस्तार करते हुए प्रबंधकारिणी समिति और वित्त समिति के अधिकारों में बदलाव किए गए हैं।
अनुमोदन राशि में बढावा
इन बदलावों से सामान्य सभा को पूर्ण अधिकार के साथ ही प्रबंधकारिणी समिति को प्रति कार्य 2 करोड़ रूपए तक अनुमोदन का अधिकार होगा,। जबकि पहले अधिकार नहीं था। वित्त समिति को प्रति कार्य 10 लाख रूपए तक के अनुमोदन का अधिकार दिया गया है।, पहले कोई अधिकार नहीं था। केंद्र अथवा राज्य शासन के विभिन्न योजनाओं से स्वशासी समिति को प्राप्त राशि, आवंटन अथवा अनुदान में से सामान्य सभा को खर्च और अनुमोदन का पूर्ण अधिकार होगा । इसी राशि से प्रबंधकारिणी समिति को 5 करोड़ रूपए तक की राशि के अनुमोदन का अधिकार होगा।
बजट का 25 प्रतिशत
अभी तक राज्य शासन से आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत प्राप्त क्लेम का 25 फीसदी ही संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय की स्वशासी सोसायटी को प्राप्त होता था। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में राशि बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव करते हुए स्वास्थ्य मंत्री यसवाल की अध्यक्षता में ये निर्णय लिया गया है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों को राज्य बजट से दवाइयां मद और भण्डार के अलावा रिएजेंट मद में प्राप्त बजट का 10 फीसदी राशि का आवंटन होता था। इसे बढ़ाकरअब 25 फीसदी कर दिया गया है। फैसलों से मेडिकल कालेजो को वित्तीय रुप से सशक्त बनाने के लिए वित्तीय विकेंद्रीकरण कर मेडिकल कालेजों की स्वशासी सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है।
अधिकार सम्पन्न बना रहे
नवा रायपुर के महानदी भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्वशासी सोसायटियों को संबोधत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि विष्णु के सुशासन में मेडिकला कालेजों में वित्तीय अनुशासन और सुधारों के जरिए बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। निर्णय तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए उठाया गया बड़ा कदम है। हम मेडिकल कालेजों को अधिकार संपन्न बना रहे हैं ताकि छोटी जरूरतों के लिए उन्हें निर्भर न रहना पड़े।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त श्रीमती किरण कौशल उपस्थित थीं । वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी स्वशासी सोसाइटी के जनप्रतिनिधि सदस्य, संभाग आयुक्त, संबंधित जिलों के कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के डीन और अस्पताल अधीक्षक भी बैठक में शामिल हुए।