मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मौलिक चिंतन और कल्पनाशीलता से स्थापना दिवस समारोह को मिला अभिनव स्वरूप

अभ्युदय मध्यप्रदेश आयोजन के तीन दिन जनता के लिए रहे आनंददायी
मुख्यमंत्री की पहल पर पहली बार हुआ तीन दिवसीय समारोह
मध्यप्रदेश स्थापना की 70वीं वर्षगांठ बनी यादगार

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर स्थापना दिवस पर एक दिन के स्थान पर तीन दिवसीय समारोह हुआ, जिसकी सभी जगह सराहना की जा रही है। भोपाल का लाल परेड ग्राउंड तीन दिन तक अनेक सांस्कृतिक आयोजनों का केन्द्र बना, जिसमें राजधानी के नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूर्व राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी, विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधि, राज्य मंत्रि-मंडल मंडल के सदस्य, सांसद और विधायक भी 'अभ्युदय मध्यप्रदेश' में शामिल हुए।

मध्यप्रदेश के गठन 01 नवम्बर 1956 से अब तक राज्य स्थापना के समारोह भिन्न-भिन्न स्वरूप में होते रहे हैं। समारोह की गतिविधियां राज्य मंत्रालय स्थित वल्लभ भाई पटेल उद्यान और पुराने रवीन्द्र भवन तक सीमित रहती थीं। गत दशक में लाल परेड में सांस्कृतिक आयोजन की शुरूआत जरूर हुई, लेकिन एक दिवसीय कार्यक्रम होने से राजधानी के बहुत से नागरिक इसका आनंद लेने से वंचित रह जाते थे। वर्ष 2025 प्रदेश स्थापना दिवस के यादगार कार्यक्रमों के लिए जाना जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य स्तरीय समारोह को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया। समारोह का स्वरूप निर्धारित करते समय प्रदेश की गौरवशाली विभूतियों की जानकारी नागरिकों को देने का विचार महत्वपूर्ण था। सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन, शौर्य, न्याय और दानशीलता के गुणों ने इतिहास में स्थान बनाया है। उन्होंने विक्रम संवत्सर प्रारंभ किया। सम्राट विक्रमादित्य के योगदान से प्रदेश के नागरिक मंचीय प्रस्तुति और मीडिया के सभी माध्यमों द्वारा परिचित भी हुए।

गायन, अभिनय और नृत्य की सभी ने की सराहना
एक नवम्बर को 'अभ्युदय मध्यप्रदेश' के अंतर्गत जहां प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल ने गीत-संगीत के सुर बिखेरे, वहीं ऐतिहासिक ड्रोन शो भी हुआ। इसी दिन विश्ववंद कार्यक्रम के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की संगीतमय जीवन यात्रा को सैकड़ों कलाकारों ने मंच पर प्रस्तुत किया। दो और तीन नवम्बर को सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य ने दर्शकों को सम्मोहित किया। पहली बार निरंतर दो दिन लाल परेड ग्राउंड पर महानाट्य की प्रस्तुति ने प्रदेश के सांस्कृतिक जगत में नया इतिहास बनाया है।

ड्रोन-शो में आकाश पर आकर्षक आकृतियों ने दर्शकों का मोह लिया मन
मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) की महत्वपूर्ण भूमिका ड्रोन-शो के माध्यम से पहली बार उभरकर आयी। यह विज्ञान और संस्कृति का संगम था। विरासत से विकास पर केन्द्रित यह ड्रोन-शो दर्शकों को महाकाल मंदिर, सिंहस्थ की झलकियों और आकाश पर अंकित की गई अन्य स्मारकों, श्रद्धा स्थलों की आकृतियों से अद्भुत आनंद की अनुभूति करवाने वाला शो बन गया। ड्रोन-शो ने नागरिकों का मन मोहने का कार्य किया।

कलाकारों का परिश्रम और हुनर दिखा मंच पर
अभ्युदय मध्यप्रदेश में लगभग एक हजार कलाकारों की सहभागिता रही। 'विश्ववंद' की प्रस्तुति, सुगम संगीत, समूह नृत्य और महानाट्य में मंच पर प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों का परिश्रम और हुनर उनके दीर्घ अभ्यास के प्रमाण प्रस्तुत करने वाला रहा मंच के परे योगदान देने वाले, रूप सज्जा करने वाले सहयोगियों, मंच सज्जा करने वाले तकनीकी सहयोगियों और ध्वनि और प्रकाश से जुड़े कार्यों का संयोजन करने वाले कलाकारों का सृजन सभी प्रस्तुतियों में जान डालने वाला सिद्ध हुआ। निर्देशन से जुड़े कलाधर्मी पूरे कार्यक्रम को यादगार बनाने का संकल्प लेकर कार्य कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य की प्रस्तुति में सहयोगी विशाला, सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति के श्री संजीव मालवीय, श्री राजेश कुशवाह और अन्य कलाकारों की भूमिका की प्रशंसा की।

मेरा भोला है भंडारी पर झूमा भोपाल का जन-जन, आंचलिक संस्कृति के दिखे रंग
अभ्युदय मध्यप्रदेश के समारोह में न सिर्फ मुम्बई के जुबिन नौटियाल बल्कि चंडीगढ़ से आये हंसराज रघुवंशी ने भी समा बांधा। हंसराज हंस के गाये भजन मेरा भोला है भंडारी पर भोपाल का जन-जन झूम उठा। प्रदेश की बहुआयामी आंचलिक संस्कृति मटकी नृत्य, निमाड़ी जनजीवन के काव्य प्रसंग-गणगौर और विंध्याचल के अहिराई लाठी नृत्य के माध्यम से सामने आयी। बुंदेलखंड अंचल में मांगलिक अवसरों और तीज-त्यौहारों पर होने वाले बधाई नृत्य के साथ ही महाकौशल अंचल से आये गोण्ड जनजातीय कलाकारों ने नृत्य के कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अभ्युदय मध्यप्रदेश के तीसरे दिन युवा गायिका स्नेहा शंकर ने भी सुमधुर गायन प्रस्तुत किया।

विजन डॉक्यूमेंट आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का बनेगा रोडमैप
'अभ्युदय मध्यप्रदेश' के अंतर्गत प्रदेश को 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को केन्द्र में रखकर बनाए गए विजन डॉक्यूमेंट मध्यप्रदेश@2047 एक महत्वपूर्ण कदम रहा। विजन डॉक्यूमेंट के विमोचन ने अभ्युदय मध्यप्रदेश का महत्व बढ़ा दिया। यह विजन डॉक्यूमेंट प्रदेश की अब तक की सबसे वृहद जनभागीदारी का प्रमाण भी है। प्रदेश के लगभग 4 लाख नागरिकों जिनमें विद्यार्थी, विषय-विशेषज्ञ, उद्योगपति, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य लोगों ने उपयोगी सुझाव देकर इस डॉक्यूमेंट की रचना में अहम योगदान दिया है।

यह डॉक्यूमेंट प्रदेश की सामूहिक दृष्टि का प्रतिबिंब बनेगा। जनआकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और उनकी पूर्ति की दिशा में विजन डॉक्यूमेंट आर्थि‍क विकास, प्रदेश के विभिन्न अंचलों की विशेषताओं के अनुरूप रणनीति तैयार कर विकसित भारत के राष्ट्रीय विजन में भागीदार बनने के लिए प्रेरित करेगा। 

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