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EPFO का बड़ा अपडेट: PF ट्रांसफर, UAN जनरेशन और ब्याज टैक्सेशन अब और भी आसान, जानिए नए बदलावों का पूरा फायदा

सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक है पीएफ अकाउंट में मिलने वाले ब्याज की टैक्स स्थिति का स्पष्ट होना। अब अपडेटेड फॉर्म 13 के माध्यम से यह पता लगाना बेहद आसान हो गया है कि जमा होने वाला ब्याज टैक्सेबल है या नहीं।

epfo/कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सिस्टम में कई बड़े बदलाव करते हुए पीएफ खाताधारकों और नियोक्ताओं दोनों के लिए प्रक्रियाओं को बेहद सरल बना दिया है। नए अपडेट्स के बाद अब पीएफ ट्रांसफर, यूएएन जनरेशन, ब्याज की टैक्स कैलकुलेशन और लंबित भुगतान जैसी परेशानियों का समाधान पहले से कहीं ज्यादा सहज हो गया है।

EPFO ने फॉर्म 13 का नया एडिशन जारी किया है, जो खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा जो नौकरी बदलते हैं और अपना पीएफ अकाउंट एक संस्था से दूसरी संस्था में ट्रांसफर करना चाहते हैं। इस नए वर्जन से ट्रांसफर की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज हो जाएगी। पहले जहां इस प्रक्रिया में कई तकनीकी दिक्कतें सामने आती थीं, अब नया फॉर्म 13 फॉर्म 19 की मौजूदा सुविधाओं को और भी बेहतर बनाकर यूजर्स को अधिक सुविधा प्रदान करेगा।

epfo/सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक है पीएफ अकाउंट में मिलने वाले ब्याज की टैक्स स्थिति का स्पष्ट होना। अब अपडेटेड फॉर्म 13 के माध्यम से यह पता लगाना बेहद आसान हो गया है कि जमा होने वाला ब्याज टैक्सेबल है या नहीं। इसके अलावा, टीडीएस की सही कैलकुलेशन करने में भी अब किसी तरह की त्रुटि की संभावना कम हो गई है, जिससे पीएफ खाताधारकों को अधिक पारदर्शिता और स्पष्टता मिलेगी।

EPFO ने UAN जनरेशन की प्रक्रिया को भी बड़ा आसान बना दिया है। अब नियोक्ता बिना आधार नंबर के भी बड़ी संख्या में यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जेनरेट कर सकेंगे। इस सुविधा का लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा जो पीएफ ट्रस्ट से जुड़े हैं और जिनकी छूट रद्द हो चुकी है या जिनका ट्रस्ट ईपीएफओ में मर्ज हो गया है। हालांकि, यह ध्यान देना जरूरी है कि बिना आधार जनरेट हुए UAN तभी सक्रिय होंगे जब उनमें आधार डिटेल्स अपडेट कर दी जाएंगी।

बीते समय में कई पीएफ अकाउंट होल्डर्स ने शिकायत की थी कि उनका बकाया पीएफ अमाउंट स्टैंडर्ड इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न (ECR) सिस्टम के माध्यम से नहीं मिल पा रहा है। इस पर EPFO ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जिन खातों में ऐसी समस्याएं हैं, उन्हें डिमांड ड्राफ्ट के जरिए भुगतान किया जाएगा। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए राहतभरा साबित होगा जो लंबे समय से अपने बकाया का इंतजार कर रहे थे।

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