परिजनों तक पहुंची कांग्रेस की जांच टीम…पिता ने बताया CHMO ने डांटकर भगाया…अमृतकाल में स्वास्थ्य विभाग ने पिलाया जहर
टीकाकरण से दो बच्चों की मौत...पड़ताल करने पहुंची कांग्रेस की टीम
बिलासपुर— कोटा स्थित पटैता में वैक्सीनेशन के बाद दो बच्चों की मौत का मामला धीरे धीरे तूल पकड़ लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर 6 सदस्यीय टीम आज पटैता स्थित कोरीपारा परिजनों से मिलने पहुंची। टीम संयोजक कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव की अगुवाई में मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, नगर पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष सीमा घृतेश और कोटा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष आदित्य दीक्षित ने पीड़ित परिवार के परिजनों से संवाद किया। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचकर मेडिकल स्टाफ से भी चर्चा की है।
जानकारी देते चलें कि दो दिन पहले कोटा ब्लाक स्थित पटैता के कोरीपारा में दो मासूम बच्चों की वैक्सीन लगाने के बाद मौत हो गयी । मेडिकल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार .इस दौरान कुल सात बच्चों को टीका लगाया गया। टीका लगने के बाद दो नवजात बच्चों की मौत हो गयी। इसके बाद पांच बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
टीएस ने की जांच की मांग
एक दिन पहले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बिलासपुर प्रवास के दौरान जिला अस्पताल का भ्रमण किया। परिजनों से मिलकर दुख भी जाहिर किया। पत्रकारों से सिंहदेव ने कहा कि मामले में गहन जांच की जरूरत है। मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने भी 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया है।
कांग्रेस की 6 टीम पहुंची पीड़ितों के बीच
बहरहाल सोमवार को कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव की अगुवाई में 6 सदस्यीय जांच टीम सबसे पहले पटैता गांव के कोरीपारा पहुंची। इस दौरान दोनों परिवार के पीड़ित परिजनों ने अपनी बातों को रखा। टीम के सामने कोटा विधायक अटल को राकेश कुमार गंधर्व ने लिखित शिकायत पेश किया। राकेश कुमार ने बताया कि 29 अगस्त को दस साल बाद गनियारी अस्पताल में उसका बच्चा पैदा हुआ। 30 अगस्त को बच्चे को टीका लगाने आंगनबाड़ी केन्द्र पटैता गया। करीब 12 बजे टीका लगाने के बाद घर आया। 2 बजे के आसपास बच्चे की तबीयत खराब हो गयी। और शाम 6 बजे उसकी मौत हो गयी। इस दौरान बच्चे का शरीर नीला हो गया था। पीडित ने टीम को बताया कि उसके बच्चे की मौत सिर्फ लगाने के कारण हुई है।
रविन्द्र कुमार मानिकपुरी ने भी कोटा विधायक को लिखित शिकायत दिया। टीम के सामने बताया कि उसके दो माह के बच्चे का नाम सारांश था। बच्चा पुरी तरह से स्वस्थ्य और वजन करीब 7 किलो से ज्यादा था। टीकाकरण के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गयी। आनन फानन में उसे कोटा स्थित सामुदायिक केन्द्र लेकर आया। लेकिन डाक्टर ने बिना जांच किये बताया कि मां दूध पीने से बच्चे की मौत हो गयी है। सीएचएमओ श्रीवास्तव ने बिना सुनवाई किए हमें डांट फटकार के भगा दिया। पीएम भी नहीं किया।पीडित पिता मानिकपुरी ने बताया कि उसके बच्चे की मौत की वजह डाक्टरों की लापरवाही है। आरोपियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।
सामने आयी बड़ी लापरवाही
परिजनों से मुलाकात के बाद कांग्रेस की 6 सदस्यीय टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा पहुंचकर मेडकल स्टाफ के साथ संवाद किया। इस दौरान डाक्टर और बैठक में शामिल स्टाफ ने वस्तुस्थिति के बारे में बताया।
जांच टीम के अगुवा कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि निश्चित रूप से मेडिकल स्टाफ की लापरवाही सामने आयी है। दीपक बैज के आदेश पर आज 6 सदस्यीय टीम ने पीड़ित परिवार से सम्पर्क किय। परिवार ने सीधे तौर पर बच्चो की मौत के लिए बदहाल मेडिकल व्यवस्था को जिम्मेदार बताया है। रिपोर्ट पीसीी के सामने पेश किया जाएगा। अटल ने कहा कि टीकाकरम के बाद बच्चों की मौत बहुत ही गंभीर घटना है। स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।
अमृतकाल में पिलाया गया जहर
नगर के पूर्व विधायक शैलेष ने बताया कि आज टीम ने परिजनों से मुलाकात कर वस्तुस्थिति को समझने का प्रयास किया है। दो बच्चों की मौत सिर्फ मेडिकल विभाग की लापरवाही के कारण हुई है। दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ्य थे। पीडित पिता ने बताया कि दस साल बाद बच्चा पैदा हुआ। लेकिन अमृत काल के जहर ने बच्चे को छीन लिाय। शैलेष ने बताया कि वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने गुहार लगाने पर पीडितो को अस्पताल से भगा दिया। पोस्टमार्टम करना भी उचित नहीं समझा है।
शैलेष ने कहा कि आज बीएमओ और स्टाफ के साथ टीम की बैठक हुई। बीएमओ ने बताया कि हमारे यहां डॉक्टर तो हैं..लेकिन अटैच करवा कर बिलासपुर में नौकरी कर रहे हैं। यदि डाक्टर होते तो बच्चों का सही ईलाज होता। आज दोनो परिवार खुशहाल होते। मामले में सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना होगा। हम इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।