Chhattisgarh

Chhattisgarh Employees Strike 2025-सरकारी कामकाज पर लगेगा ब्रेक.. 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 29 दिसंबर से सड़कों पर उतरेंगे कर्मचारी, कलम बंद आंदोलन की रणनीति तैयार

Chhattisgarh Employees Strike 2025/रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक गलियारों में एक बार फिर बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

Chhattisgarh Employees Strike 2025/अपनी 11 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर प्रदेश के हजारों कर्मचारी और अधिकारी अब निर्णायक लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आगामी 29 से 31 दिसंबर 2025 तक तीन दिवसीय प्रदेशव्यापी “काम बंद–कलम बंद” हड़ताल का आह्वान किया गया है।

इस प्रस्तावित आंदोलन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए नवा रायपुर स्थित मंत्रालय और विभिन्न विभागाध्यक्ष कार्यालयों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। फेडरेशन (Chhattisgarh Karmachari Adhikari Federation)की नवा रायपुर जिला इकाई ने कमर कस ली है और कर्मचारियों के बीच ‘टेबल-टू-टेबल’ जाकर उन्हें एकजुट करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

Chhattisgarh Employees Strike 2025/आंदोलन की तैयारियों की कमान खुद प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने संभाल रखी है।

हाल ही में नवा रायपुर के विभिन्न विभागों में सघन जनसंपर्क के दौरान उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों को आंदोलन की भावी रणनीति और कार्ययोजना से विस्तार से अवगत कराया।

कमल वर्मा ने इस दौरान अपील की कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए इस बार एकजुटता दिखाना अनिवार्य है। इस संपर्क अभियान को सरकारी महकमे में जबरदस्त समर्थन मिलता दिख रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने न केवल अपनी सहमति व्यक्त की है, बल्कि भरोसा दिलाया है कि 29 दिसंबर से नवा रायपुर स्थित समस्त शासकीय कार्यालयों में कलम की स्याही सूखी रहेगी और कामकाज पूरी तरह ठप रहेगा।

इस मुहिम में संचालनालय विभागाध्यक्ष कर्मचारी संघ के अध्यक्ष और नवा रायपुर फेडरेशन (Chhattisgarh Karmachari Adhikari Federation) के संरक्षक जय कुमार साहू ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है।

आंदोलन को धार देने के लिए आयोजित इस संपर्क अभियान में संतोष कुमार वर्मा, नंदलाल चौधरी, पी.एल. सहारा, बजरंग प्रजापति, और कांति सूर्यवंशी जैसे दिग्गज नेता शामिल रहे। साथ ही, वन मुख्यालय के अध्यक्ष जागेश्वर भट्ट, महिला प्रकोष्ठ की संयोजक सोनाली तिड़के और महासचिव संजीत शर्मा सहित विभिन्न संघों के प्रतिनिधियों ने कार्यालयों का दौरा कर कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाया। आंदोलन की गूंज अब शासन के गलियारों में भी सुनाई देने लगी है, क्योंकि वाहन चालक संघ से लेकर लिपिक संघ और कोषालयीन संघ तक के पदाधिकारियों ने इस ‘काम बंद’ हड़ताल को अपना पूर्ण समर्थन दे दिया है।

Shri Mi

पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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