Chhattisgarh

CG NEWS : शिक्षा विभाग में ऑनलाइन अवकाश सिस्टम पर शिक्षकों में क्यों है रोष….?

  • CGNEWS:रायपुर:(मनीष जायसवाल)। देश के कुछ राज्यों में अब सरकारी कर्मचारियों के लिए आकस्मिक या अन्य अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था धीरे धीरे प्रचलन में आ रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ में 51 विभाग को छोड़कर सबसे बड़े सिर्फ स्कूल शिक्षा विभाग में ही लागू किए जाने और इसे cgschool.in के पोर्टल से ही स्वीकृत किए जाने को लेकर शिक्षकों में भारी रोष है। जिसमें सबसे बड़े विवाद की जड़ तो स्कूल शिक्षा विभाग का cgschool का पोर्टल के पहले पेज में लिखा हुआ अस्वीकरण (Disclaimer)
    है..! cgschool.in कोरोना काल के समय से ही चर्चित और विवादित रहा है। इसमें शिक्षकों के मोबाईल नंबर कर्मचारी कोड से लेकर कई प्रकार की निजी जानकारियां डेटा के रूप में है। जो इनके बैंक से जुड़ी हुई भी है।अब इसमें नया फीचर जोड़ा जा रहा है और भविष्य में और कुछ एड किया जाएगा। शिक्षको ने कई बार बहुत सी समस्याओं को इसमें फेस भी किया है।अब आकस्मिक या अन्य अवकाश को लेकर भी कई तरह की चिंता है।

दुविधा की जड़ cgschool के पोर्टल पर शिक्षको के डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता पर कोई नीति स्पष्ट नहीं है। जो इस वेबसाइट में साफ- साफ लिखा हुआ
Disclaimer दिखाई दे रहा है। यह भी आम शिक्षको के समझ से परे है। पोर्टल में “Teacher/Employee Establishment
में जो अस्वीकरण लिखा हुआ है जो कहता है कि जानकारी को यथासंभव सटीक बनाने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं..। स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार या NIC इस वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी में अशुद्धि के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), छत्तीसगढ़ राज्य केंद्र, रायपुर द्वारा डिजाइन, विकसित और होस्ट किया गया है और सामग्री स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार के स्वामित्व में है..। ” अब बड़ा सवाल उठता है कि जब कोई जवाबदार नही तो ऐसी तकनीक को प्रचलन में लाने का क्या मकसद है ..! कही फिर से स्कूल के टेबलेट जैसी व्यवस्था तो नही शुरू की जा रही ..? स्कूल शिक्षा विभाग ने पूर्व विवादों से सबक नहीं लेते हुए शिक्षकों पर एक बार फिर ऑनलाइन अवकाश लेने का नया मंत्र और तंत्र दे दिया है।

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रायपुर के शिक्षक नेता नरेन्द्र सिंह कहते कि हम तकनीक का विरोध नहीं करते लेकिन तकनीक जमीन से जुड़ी होनी चाहिए। योजना पहले किसी छोटे विभाग में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जानी चाहिए थी। इसमें सामने आ रही समस्या और चुनौतियों से निपटा जाता और तकनीकी खामियों को दूर किया जाता है उसके बाद छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े कर्मचारी समूह स्कूल शिक्षा विभाग के साथ-साथ सभी विभागों में इसे लागू किया जाता तो बेहतर परिमाण आते। लेकिन एक बार फिर हमे ही प्रयोगशाला का बकरा बना दिया गया है।

शिक्षक नेता नरेंद्र सिंह का कहना है कि अन्य अवकाश तो समझ आते है लेकिन यदि किसी शिक्षक को आकस्मिक अवकाश लेने की नौबत घर से स्कूल आते आते रास्ते में पढ़ गई। या फिर सुबह ही पढ़ है। और उस समय पोर्टल काम नहीं कर रहा हो या नेटवर्क की कोई समस्या हो या फिर मोबाइल गुम गया हो ऐसी स्थिति में क्या होगा। शिक्षक एक दिन के लिए अवैतनिक हो जाएगा ..?

बिलासपुर से शिक्षक नेता प्रदीप पांडेय का कहना है कि सीजी स्कूल इन की वेबसाइट में कोरोना काल के दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ जो शिक्षकों ने किया ही नहीं क्योंकि उस दौर में बहुत से आम शिक्षक को आन लाइन कार्य करना ही नही आता था। इसे सीखने में ही बहुत टाइम लगा। प्रदेश के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क और छात्रों के पास स्मार्ट फोन की समस्या थी। इस दौरान भी हमने बहुत संघर्ष किया और अधिकारियों का दबाव सहा है। अब इस सरकार में शिक्षा विभाग की ओर से एक और नया दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी बात क्या दूसरे बहुत ईमानदार हैं जहां आनलाईन अवकाश सिस्टम की जरूरत नहीं है या फिर शिक्षा विभाग को अपने कर्मचारियों और मॉनिटरिंग सिस्टम पर भरोसा नहीं है।

शिक्षक नेता नरेंद्र सिंह का कहना है कि
स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले cgschool. in पोर्टल पर जो अस्वीकरण लिखा हुआ है उसे ही स्पष्ट करना चाहिए।इसके नुकसान क्या- क्या हो सकते हैं यह बताना चाहिए। यदि किसी दिन तकनीकी खामी की वजह से शिक्षक आकस्मिक अवकाश से अन्य अवकाश का आवेदन नहीं कर पाया तब की स्थिति में क्या होगा ..? यदि कोई शिक्षक पहले से ही अवकाश में चल रहा है और 16 अगस्त के बाद उसका क्या होगा।

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