CG NEWS:निकाय चुनाव की तारीख़ पर अटकलों का दौर …….. 27 नवंबर को होगा फाइनल वोटर लिस्ट का प्रकाशन
CG NEWS:रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत- नगरीय निकायों के का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। अब अटकलें लगाई जा रही है कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए तारीख कब तक तय हो सकती है ।अब तक जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। जिसके तहत वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 27 नवंबर को होगा। चुनाव की तारीखों का अटकल लगाने वाले मानकर चल रहे हैं कि चुनाव की तारीख मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव साथ करने की चर्चा है। इधर आने वाले महीनों में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। जाहिर सी बात है कि कार्यकाल पूरा होते-होते चुनाव कराए जाएंगे। लिहाजा लोगों को नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार है। इसे लेकर अटकलें भी लगाई जा रही हैं। इधर जिस तरह से नगर पालिका निर्वाचन नामावाली पुनरीक्षण कार्यक्रम तिथि में संशोधन किया गया है। उसके मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक नामावली के संबंध में दावा आपत्ति प्राप्त करने की आखिरी तारीख 23 अक्टूबर से एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी है। जिसे लेकर कुछ जिलों ने अंतिम तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया था। कार्यक्रम में संशोधन के बाद अब वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 27 नवंबर को होगा ।दावे आपत्ति 30 अक्टूबर को दोपहर 3:00 बजे तक लिए जाएंगे। दावा आपत्तियों का निराकरण 8 नवंबर तक कर लिया जाएगा।
वोटर लिस्ट की तैयारी के हिसाब से माना जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान इसके बाद ही हो सकेगा इधर चुनाव में हिस्सेदारी करने के लिए दावेदार भी अपने-अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। लेकिन आरक्षण की प्रक्रिया पर ही पूरा दारोमदर नज़र आ रहा है । आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह सामने आ सकेगा कि महापौर, नगर पालिका- नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद पद के लिए कौन से निर्वाचन क्षेत्र किस वर्ग के लिए आरक्षित किए जा रहे हैं और कौन सी सीटें सामान्य है। यह तस्वीर सामने आने के बाद ही दावेदार पूरी तरह से सामने आ सकेंगे।
प्रदेश में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस दोनों के लिए ही नगरीय निकाय के चुनाव महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र की बुनियाद में काम करने वाले जनप्रतिनिधियों से जुड़े इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। भाजपा प्रदेश में अपने सरकार के कामकाज को लेकर मतदाताओं के बीच जाएगी। जबकि कांग्रेस मौज़ूदा सरकार की ख़ामियों को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी। कांग्रेस बीते पांच साल में अपने सरकार के कामकाज को भी सामने रख सकती है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि हर बार की तरह इस बार भी नगरी निकाय चुनाव दिलचस्प होंगे। लेकिन फिलहाल सभी को आरक्षण की प्रक्रिया और का इंतजार है।।