
Bihar Congress: 15 जिला अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी
Bihar congress।पटना।बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस राज्य में अपने कमजोर प्रदर्शन के लिए समीक्षा में जुटी है। इस क्रम में 1 दिसंबर को पटना में कांग्रेस ने समीक्षा बैठक की।
इसके साथ ही कांग्रेस ने समीक्षा बैठक में शामिल न होने वाले 15 जिला अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
कांग्रेस की यह बैठक हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी की हार के कारणों का आकलन करने के लिए बुलाई गई थी। समीक्षा सत्र की अध्यक्षता बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने की।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान भी उपस्थित थे। राज्य भर के जिला अध्यक्षों को फीडबैक देने और संगठनात्मक कमियों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था, जिसके कारण चुनावी हार हुई।
हालांकि, पूर्व सूचना के बावजूद 15 जिला अध्यक्ष अनुपस्थित रहे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक का कार्यक्रम व्हाट्सएप और व्यक्तिगत फोन कॉल के माध्यम से प्रसारित किया गया था। राज्य संगठन ने उनकी अनुपस्थिति को अनुशासनहीनता का गंभीर कृत्य माना।
अनुपस्थिति के बाद पार्टी कार्यालय सचिव नलिन कुमार ने सभी अनुपस्थित सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे इतनी महत्वपूर्ण बैठक में शामिल न होने का कारण बताने को कहा।
नोटिस में कहा गया है कि अगर उनके जवाब असंतोषजनक पाए गए तो उनके खिलाफ उचित संगठनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
कांग्रेस नेतृत्व ने संकेत दिया है कि बिहार में पार्टी के पुनर्गठन और उसे मजबूत करने के चल रहे प्रयासों के तहत जवाबदेही का सख्ती से पालन किया जाएगा।
जिन 15 जिला अध्यक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें पश्चिमी चंपारण के प्रमोद सिंह पटेल, पूर्वी चंपारण के शशि भूषण राय, अररिया के शाह अहमद, मधुबनी के सुबोध मंडल, कटिहार के सुनील यादव, पटना ग्रामीण-2 के गुरजीत सिंह, पटना ग्रामीण-1 के कार्यकारी अध्यक्ष उदय चंद्रवंशी, सुपौल के कार्यकारी अध्यक्ष राज नारायण गुप्ता, भागलपुर के परवेज आलम, जमुई के अनिल कुमार सिंह, बक्सर के मनोज पांडे, गया के कार्यकारी अध्यक्ष उदय मांझी, लखीसराय के कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद कुमार, मुंगेर के कार्यकारी अध्यक्ष इमरान हक और शेखपुरा के कार्यकारी अध्यक्ष रोशन कुमार शामिल हैं।
समीक्षा बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं में स्पष्ट असंतोष देखा गया, जिन्होंने वरिष्ठ नेताओं के फैसलों, खासकर टिकट वितरण को लेकर, पर खुलकर सवाल उठाए। बैठक में कई जिला अध्यक्षों ने तीखी आलोचना की। कई लोगों ने नेतृत्व के इस दावे को खारिज कर दिया कि हार वोटों की चोरी के कारण हुई।






