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पारा शिक्षकों को बड़ा झटका, विभाग ने TET विसंगति वालों को ‘TET पास’ मानने से किया इनकार

रांची। झारखंड के शिक्षा विभाग ने टेट (TET) विसंगति वाले पारा शिक्षकों पर कड़ा प्रहार किया है। शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक (SPD) द्वारा जारी एक हालिया पत्र ने राज्य के लगभग तीन हजार से अधिक पारा शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा दिया है।

विभाग ने अब इन शिक्षकों को ‘टेट पास’ मानने से इनकार कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अब ‘टेट पास’ के बजाय केवल ‘प्रशिक्षित पारा शिक्षक’ के बराबर मानदेय दिया जाएगा।

SPD ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) और जिला शिक्षा अधीक्षकों (DSE) को सख्त आदेश पारित कर दिए हैं।

क्या है ‘टेट विसंगति’ का मामला – दरअसल, यह विवाद उन शिक्षकों से जुड़ा है जिनकी नियुक्ति उच्च प्राथमिक स्तर (वर्ग 6 से 8) के लिए हुई थी, लेकिन उन्होंने प्राथमिक स्तर (वर्ग 1 से 5) की टेट परीक्षा उत्तीर्ण की है, या इसके विपरीत स्थिति है।

विभाग के नए आदेश के अनुसार, जिस श्रेणी में शिक्षक की नियुक्ति हुई है, उसी श्रेणी की टेट परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

इस तकनीकी पेंच के कारण अब इन शिक्षकों का बढ़ा हुआ मानदेय खतरे में पड़ गया है। गौर करने वाली बात यह है कि इसी विसंगति के बावजूद वर्ष 2014-15 में हजारों शिक्षक सरकारी सेवा में आए और वर्ष 2025 में भी कई सहायक आचार्य के पद पर वेतन प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन अब बचे हुए 3000 शिक्षकों पर विभाग ने डंडा चला दिया है।

पारा शिक्षक नेता शंकर गुप्ता के अनुसार, पूर्व में इस विसंगति के मामले को तत्कालीन शिक्षा मंत्री दिवंगत जगन्नाथ महतो और तत्कालीन SPD किरण पासी ने गंभीरता से लिया था।

उनके प्रयासों से यह आदेश जारी हुआ था कि पारा शिक्षक जिस भी श्रेणी में टेट पास हैं, उसी आधार पर उन्हें मानदेय का भुगतान किया जाए। अब नए आदेश से उस पुराने निर्णय को पलट दिया गया है, जिससे शिक्षकों में भारी रोष है।

इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में ‘अफसरशाही’ हावी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार पारा शिक्षक विरोधी है और एक ओर जहाँ 1.6 लाख संविदा कर्मियों को स्थायी करने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सेवारत शिक्षकों के हकों पर कैंची चलाई जा रही है। उन्होंने सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया को भी विवादों का पिटारा करार दिया है।

Shri Mi

पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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