Chhattisgarh
10 करोड़ की ठगी..फरार आरोपी गिरफ्तार….8 मामलों में 6 साल बाद भोपाल में पकड़ाया…पत्नी और बच्चे को छिपाकर रखा
आरोपी अलवर राजस्थान में कर रहा था नौकरी
बिलासपुर—जिला पुलिस टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले 6 सालों से चिटफण्ड के अलग अलग 8 मामलों में फरार आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार किया है । फरार आरोपी पुलिस से बचने के लिए लगातार पता ठिकाना बदल रहा था। इस दौरान आरोपी डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सागर, इंदौर में रहकर पुलिस को धोखा दिया। आरोपी अरूण वर्मा मूल रूप से ग्राम टुंड्री थाना बिलाईगढ़ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ का रहने वाा है। अरूण ने कैरियर ड्रीम एजुकेशनल एकेदमी नाम से चिटफंड बनाकर करीब 10 करोड़ रूपयों की ठगी किय है। आरोपी के खिलाफ*बिलासपुर जिले में 7 ,सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में 1 मिलाकर कुल 08 अपराध दर्ज हैं।
बिलासागुड़ी में अतिरिक्त पुलिस कप्तान अर्चना झा ने करोड़ों की चिटफन्ड धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया। उन्होने बताया कि कैरियर ड्रीम एजुकेशनल एकेडमी नामक चिटफंड कंपनी बनाकर लगभग 10 करोड रुपए के ठगी के मामले में मुख्य डायरेक्टर फरार आरोपी अरुण कुमार वर्मा को भोपाल से गिरफ्तार किया गया है। चिटफंड कंपनी में ज्यादा फायदा देने का लालच देकर निवेशकों से करीब 10 करोड़ रुपए का निवेश कराया। आरोपी और उसके साथियों के खिलाफ बिलासपुर जिले में 07,और सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले जिले में 1 प्रकरण मिलाकर कुल 08 अपराध दर्ज है। मामले में आरोपी की 6 सालों से तलाश थी।
अर्चना झा ने बताया कि पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने अपराध समीक्षा बैठक में आरोपी अरुण कुमार वर्मा के खिलाफ पतासाजी अभियान चलाने का निर्देश दिया। बैठक में कप्तान ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सरकंडा में 4 कोतवाली थाना में 2 थाना कोनी में एक प्रकरण दर्ज है। इसके अलावा बिलाईगढ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में 1 अपराध पंजीबद्ध है। 2018 से परिवार के साथ फरार है।
पुलिस कप्तान के निर्देश पर पुलिस टीम फरार आरोपी अरुण कुमार वर्मा की लगातार पतासाजी कर रही थी। विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिली कि आरोपी अरुण कुमार वर्मा वर्तमान समय में जिला अलवर राजस्थान में रहता है। आरोपी का परिवार भोपाल मध्य प्रदेश में रह रहा है। सूचना क बाद पुलिस टीम को भोपाल भेजा गया। भोपाल पहुंचने के बाद टीम को जानकारी मिली कि आरोपी भोपाल से इंदौर गया है। वापस आने पर आयकर कॉलोनी स्थित किराए के मकान से हिरासत में लिया गया ।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि अपराध दर्ज होने के बाद डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सागर और इंदौर में परिवार के साथ छिपकर रह रहा था। इस दौरान नौकरी करने अलवर राजस्थान चला गया । पत्नी को आयकर कॉलोनी भोपाल में किराए के मकान में छोड़ दिया था। उसने पुलिस से बचने और छिपने का आईडिया फिल्मों से लिया।
अर्चना झा ने बताया कि मामले में अन्य आरोपियों प्रदीप चंद्राकर, सतानंद चंद्राकर के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किया जा चुका है। आरोपी अरुण कुमार वर्मा के फरार रहने के कारण न्यायालय ने 7 प्रकरणों में स्थाई वारंट जारी किया गया है।
आरोपी अरुण कुमार वर्मा के खिलाफ अपराध
1) राजकिशोर निवासी डॉक्टर संजय बंजारे को झांसा देकर 39 लाख रुपए कंपनी में जमा कराया।
2) नूतन कालोनी निवासी विजेंद्र कुमार खांडेकर को झांसा देकर 6 लाख 96 हजार रुपए कंपनी में जमा कराएया।
3) बंगालीपारा निवासी डॉक्टर व्यास नारायण कश्यप से 1 लाख 50 हजार रुपए कंपनी में जमा कराया।
4) कुदुदण्ड निवासी अभय राव फांसे से कम्पनी में 15 लाख 50 हजार रुपए जमा कराया।
5) टिकरापारा निवासी चंद्र मनी सिंह ठाकुर को झांसा देकर 3 लाख रुपए कंपनी में जमा कराया।
6) राजकिशोर निवासी राजेश कुमार राठौर को झांसा देकर ड्रीम एजुकेशनल अकैडमी में 2 लाख रुपए जमा कराया।
7) पासिद निवासी अजय कुमार ध्रुव को झांसा देकर अकैडमी में 2 लाख रुपए जमा कराया।
8) बिलाईगढ़ टुडरी निवासी किरण साहू को एलोविरा की खेती करान के नाम पर 8 करोड़ रुपए की ठगी किया ।