
Rain Alert: मानसून का रौद्र रूप: पहाड़ से मैदान तक जल प्रलय, उत्तराखंड में रेड अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कहाँ-कहाँ बरसेंगी आफत की बूंदें
Rain Alert: मानसून अपने चरम पर है, ऐसे में देशभर के अलग-अलग राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. इस बीच मौसम विभाग ने दिल्ली से लेकर यूपी तक शनिवार को भारी बारिश की आशंका जताई है. जबकि कई राज्यों में अगले 3-4 दिनों तक बारिश की संभावना है.
Rain Alert:सावन का महीना अपने साथ मानसून की झमाझम बारिश लेकर आया है, जो देश के लगभग हर कोने को तर-बतर कर रहा है। पहाड़ों पर बादल कहर बनकर टूट रहे हैं तो मैदानी इलाकों में भी नदियाँ उफान पर हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
इन राज्यों में आज और कल बरसेंगे बादल
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, और पंजाब से लेकर जम्मू-कश्मीर तक आंधी-तूफान के साथ जोरदार बारिश हो सकती है।
इन इलाकों के लिए विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
उत्तराखंड के लिए ‘रेड अलर्ट’, कई राज्यों पर अगले 4 दिन भारी
सबसे बड़ी चेतावनी पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के लिए जारी की गई है। यहाँ 20 और 21 जुलाई (रविवार-सोमवार) को ‘बहुत भारी बारिश’ की आशंका के चलते रेड अलर्ट घोषित किया गया है।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 3-4 दिनों तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, और हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून के सक्रिय रहने का अनुमान जताया है। यह बारिश सिर्फ उत्तर भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि मध्य, दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा।
बाढ़ और भूस्खलन से तबाही का मंजर
इस मूसलाधार बारिश ने कई राज्यों में तबाही मचा दी है।
हिमाचल प्रदेश: इस मानसून में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहाँ बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 105 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है।
पूर्वोत्तर के राज्य: असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और सिक्किम में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
अन्य राज्य: महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और मध्य प्रदेश में कई नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। वहीं, यूपी-बिहार में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा है और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं।