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CG NEWS:स्कूल शिक्षा विभाग को पार्टी का कार्यकर्ता देख रहा टुकुर टुकुर..! वीआईपी शिक्षको ने मचाया बवाल.. शिक्षकों के जबरिया प्रशासनिक ट्रांसफर..?

CG NEWS:बिलासपुर (मनीष जायसवाल)। कर्मचारी समूह के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े स्कूल शिक्षा विभाग में साय सरकार के बनने से अब तक हुए बिना पालिसी के शिक्षकों के ट्रांसफर ने  शिक्षकों की वीआईपी कल्चर से ट्रांसफर वाली छवि पेश करते हुए एक धारणा बना ली है। जो पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में शिक्षकों के बीच मुद्दे के रूप में तैर रही है। पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए शिक्षकों के ट्रांसफर के कहानी किस्से किसी से छुपे नहीं है। यही वजह है कि इस विभाग के हजारों शिक्षक कर्मचारी बीते एक साल से साफ सुथरी ट्रांसफर की नीति की राह देख रहे है। लेकिन इस सुशासन की सरकार में हो रहे शिक्षकों के वीआईपी ट्रांसफर सरकार की रीति नीति बताते हुए दिखाई दे रहे है..। इसे लेकर आम शिक्षकों में अच्छा खासा रोष भी है।समन्वय से हो रही शिक्षकों की तबादला नीति को लेकर भी शिक्षकों के बीच कई तरह के सवाल गूंज रहे हैं। वही वीआईपी  ट्रांसफर पाए हुए शिक्षक अब दबी जुबान में कुछ और ही किस्सा बता रहे है।

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आज अगर सरकार शिक्षकों से सिर्फ तबादले के लिए आवेदन ही मांगे तो तीस से चालीस हजार आवेदन आ जाए तो कोई हैरत की बात नहीं होगी। 1998 से लेकर 2009-10 तक का शिक्षक कैडर अपनी आधी से अधिक सेवा मूल निवास को छोड़कर बिता चुका है। हजारों की संख्या में विवाह के पूर्व सेवा दे रही अधिकांश महिला शिक्षक विवाह के बाद अपने ससुराल क्षेत्र में लंबे समय से आने के लिए प्रयासरत है। ठीक ऐसे ही अनगिनत शिक्षक दंपति एक ही जिले और एक ही ब्लॉक में अपनी पदस्थापना के लिए कई सालों से सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी की राह देख रहे हैं। ऐसे में इस सरकार में हो रहे वीआईपी शिक्षकों के ट्रांसफर इनके जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।

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मजे की बात यह है कि समन्वय में हुए अनुमोदन से प्रशासनिक आधार पर हो रहे इन वीआईपी शिक्षकों के ट्रांसफर का आधार किसी को नहीं मालूम है…! शिक्षकों के समन्वय से ट्रांसफर की प्रकिया क्या होती है …। किस दरवाजे से  किस टेबल पर फाइल की शुरुआत होती है यह भी गूढ़ रहस्य है। गौर करने वाली बात यह है कि वीआईपी ट्रांसफर शिक्षकों के आवेदन के आधार पर हुए है तो यह स्वैच्छिक ट्रांसफर हो सकते थे..। इसमें शिक्षकों की पदोन्नति के मामले से जुड़ी सीनियरिटी जाने का खतरा बना रहता । यदि शिक्षकों ने आवेदन नहीं दिए और इनके प्रशासनिक ट्रांसफर हो रहे हैं तब की स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग को ऐसा कौन सा सपना आ रहा है कि प्रदेश भर से चुन चुन कर शिक्षकों के रुक रुक कर टुकड़े-टुकड़े में राज्य स्तर पर प्रशासनिक ट्रांसफर आर्डर निकाले जा रहे हैं। यदि इसमें शिक्षक पीड़ित है तो उसका कसूर क्या है। जिन्हें वीआईपी शिक्षक माना जा रहा है इन्होंने ने ऐसा कौन सा बवाल मचा दिया जो इनके लिए नियम कायदों को माप तौल नहीं किया गया।

अब तक जो आम नियम थे उसमें सहायक शिक्षक का ट्रांसफर जिला स्तर पर शिक्षक का संभाग स्तर पर और व्याख्याता का राज्य स्तर पर ट्रांसफर का नियम माना जाता रहा है। लेकिन समन्वय में हो रहे शिक्षकों के ट्रांसफर की सूची को देख कर नियमों को समझने वाले भी आश्चर्य कर रहे हैं। जो सवाल उठा रहे है कहीं यह सरकार शिक्षकों का जबरिया ट्रांसफर तो नहीं कर रही है ..? यह फिर इसके पीछे कोई स्थानीय सियासत तो नहीं है..!

पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव सर पर है। चुनाव में हमेशा ही सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ स्थानीय मुद्दों के अलावा राज्य स्तर के मुद्दों को लेकर भी परसेप्शन बनता रहा है। निकायों के चुनाव में एक एक वोट महत्वपूर्ण होता है। राज्य के शिक्षक चुनाव भी कराते है और मतदान भी करते है और बिना स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों के बिना किसी भी चुनाव की कल्पना असंभव है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग और सरकार के रणनीतिकार टुकड़े-टुकड़े में आ रही वीआईपी शिक्षकों की ट्रांसफर लिस्ट से सरकार की कैसी छवि पेश करना चाह रहे है..! इस सरकार का अदृश्य पावर सेंटर विभाग की इस वीआईपी कल्चर  से अनजान है या फिर से कोई राजनीतिक शिकवे शिकायत के आधार पर महिला और पुरुष शिक्षकों को जबरिया ट्रांसफर करके सियासत से जुड़ी कोई रंजिश तो नहीं निकाल रहे है।

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एक और नजरिए से देखा जाए तो यह वीआईपी शिक्षकों के ट्रांसफर कहीं ना सत्ताधारी दल के आम कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित भी करता हुआ दिखाई दे रहा है। यहां गणित का नियम यही कहता है कि शिक्षक राज्य का सबसे बड़ा कर्मचारी समूह है । इकाई मान कर फार्मूला निकला जाए तो शिक्षकों के परिवार से जुड़े सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं की संख्या भी अधिक ही होगी। ऐसे में पंचायत और निकाय चुनाव के करीब शिक्षक परिवार से जुड़ा पार्टी का कार्यकर्ता सिर्फ वीआईपी शिक्षक ट्रांसफर सूची को टुकुर टुकुर देख कर क्या सोच रहा होगा..!

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