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CG NEWS: पांचवीं / आठवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा की वापसी के मायने… क्या बदलाव हो सकता है…?

CG NEWS :स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षा व्यवस्था के नजरिए से सरकारी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के अलावा छत्तीसगढ़ बोर्ड से सम्बन्धित निजी स्कूल के पालकों
लिए अच्छे दिन आने वाले है। वही सहायक शिक्षक, शिक्षक और प्रधान पाठको के लिए पुराने कड़े संघर्ष का दौर फिर से शुरू होने वाला है। कक्षा पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा की वापसी कैबिनेट की फैसले से हो चुकी है। राज्य में 26 नवंबर की कैबिनेट की बैठक में हुए एक फैसले में कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षाओं को केन्द्रीकृत किये जाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया है।

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राज्य में लागू नई शिक्षा नीति के अनुरूप केंद्र की ओर से आरटीई कानून में पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा लेने के लिए जो ढील दी गई थी। उसका शिक्षा की गुणवत्ता की दृष्टि से फायदा उठाते हुए राज्य की विष्णु देव साय सरकार ने इन कक्षाओ में बोर्ड परीक्षा करने का फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया है। हालांकि इसके नीति नियम अभी जारी नहीं हुए पर कयास है कि पड़ोसी राज्यों के जैसे अब राज्य स्तर पर जारी टाइम टेबल के अनुरूप स्कूल शिक्षा विभाग से अधिकृत बोर्ड की ओर से प्रश्न पत्रों के आधार पर 10वीं और 12वीं के जैसे बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं होंगी और मूल्यांकन भी जिला या अंतर स्तर पर होगा। परीक्षा के केंद्र बनेंगे। परीक्षा दौरान उड़न दस्ते बनेंगे इसकी संभावना बढ़ गई है।
मिल रही अपुष्ट जानकारी के मुताबिक अब संभवतः छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल राज्य स्तर पर पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित कर सकता है। एक पाठ्यक्रम एक बोर्ड एग्जाम एक ही तारीख पर परीक्षा और एक साथ परीक्षा परिणाम इन कक्षाओं के राज्य स्तर पर फिर से शुरू हो सकते है। अब राज्य और जिला स्तर की प्रवीण्य सूचियां परीक्षार्थियों की उपस्थिति परीक्षार्थियों का परिणाम और प्रतिशत 10वीं और 12वीं के जैसे सामने आ सकते है।

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मालूम हो कि मंगलवार को कैबिनेट के फैसले से पूर्व करीब 2011 के बाद राज्य में लागू आरटीई कानून के तहत प्रदेश में प्राथमिक और मिडिल स्कूल के पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो रही थी। प्रश्न पत्र जिला स्तर से चयन होकर आता था परीक्षा स्कूल स्तर पर ही होती थी और उत्तर पुस्तिकाएं भी स्कूल स्तर पर ही जांची जाती थी। और नंबर भी दे दिए जाते थे। पास फेल का हिसाब किताब चर्चाओं में सामने नहीं आता था। इसके अलावा नंबर देने की ग्रेडिंग भी कुछ अलग-अलग प्रयोग किए गए थे। इसमें शिक्षक तो शिक्षक पालक भी कंफ्यूज थे।
इसके चलते परीक्षा परिणाम का आंकलन
पालक भी नहीं कर पा रहे थे। न तो जिला राज्य स्तर पर तथ्यात्मक आकलन आंकड़े सार्वजनिक हो पा रहे थे। साथ ही प्रश्न पत्र टाइम टेबल में भी एक रुपता नहीं थी। अब जिला स्तर पर होने वाली पांचवीं और आठवीं बोर्ड की परीक्षा की वजह से पढ़ाई में गुणवत्ता आएगी और छात्रों ,शिक्षकों और पलकों में पढ़ाई को लेकर भी दबाव या सतर्कता रहेगी। इन कक्षाओं के बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुर्खियों में होंगे प्रवीण्य सूचियां बनेगी। अति प्रतिभावान छात्र सामने आएंगे। हालांकि इसको लेकर अभी नीति नियम स्पष्ट नहीं है। इस विषय पर व्यवस्था के जानकार लोग भी अभी पूरी जानकारियां साझा नहीं किए है।

आपको बताते चले कि साल 2019-20 में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर करने का निर्णय लिया था इस दौरान पांचवी और आठवीं के विद्यार्थियों की बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा आयोजित कराई गई थी । बीते सत्र 2023-24 मार्च में मध्यप्रदेश में कक्षा पांचवी और आठवी की बोर्ड परीक्षा हुई थी। जिसके लिए प्रदेशभर में 11986 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें करीब 26 लाख सरकारी और निजी स्कूल के छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे । बोर्ड की परीक्षाओं में भी गोपनीयता व परीक्षा की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए विभिन्न उड़नदस्तों का गठन किया गया है। इन कक्षा में फेल होने वाले छात्रों को कई स्तर पर मौके दिए गए और प्रोन्नत भी किया गया।

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