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इस नेता पर गिर सकती है अनुशासन की तलवार…बताया 15 दिन किया प्रचार..दिखाया कागज..पूर्व विधायक ने कहा…मतदान के दिन ही देखी

महापौर प्रत्याशी कांग्रेस बागी नेता त्रिलोक पर लटकी तलवार

बिलासपुर—हमेशा चर्चा में रहने वाले कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास हमेशा की तरह एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा की वजह भी है। पहले तो उन्होने पार्टी लाइन से हटकर घोषित प्रत्याशी के खिलाफ मेयर की दावेदारी किया है। दूसरी बात यह की उन्होने जिला कांग्रेस अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है…। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि उन्होने विधानसभा के दौरान पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ ना केवल भितरघात किया है। बल्कि झूठा कागज दिखाकर तखतपुर विधानसभा में तत्कालीन पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार का दावा किया है। जबकि मामले में पूर्व संसदीय सचिव ने सीजी वाल को बताया कि प्रचार के दौरान एक दिन ही त्रिलोक श्रीवास को मतदान स्थल पर देखा था। तमाम बिन्दुओं को देखते हुए अन्दर खाने से खबर आ रही है कि त्रिलोक श्रीवास पर कभी भी अनुशासन की तलवार चल सकती है।

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        चुनाव नजदीक आते ही हमेशा की तरह कांग्रेस में भितरघात का खेल शुरू हो गया है। सरकन्डा क्षेत्र के दिग्गज नेता कांग्रेस संगठन के बड़े पदाधिकारी त्रिलोक श्रीवास ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ नामांकन दाखिल कर बगावत का बिगुल बजा दिया है। उन्होने मीडिया में जिला कांग्रेस नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पार्टी के अन्य नेताओं पर हमला किया है। साथ ही दावा किया है कि पिछले विधानसभा में उनके खिलाफ भितरघात के लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। इस दौरान उन्होने संगठन के निर्देशों का पालन करते हुए तखतपुर विधानसभा के पार्टी प्रत्याशी के साथ क्षेत्र में चुूनाव प्रचार किया है। उनके पास तत्कालीन पूर्व संसदीय सचिव की तरफ से लिखित में दिया गया कागज भी है।

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6 साल के लिए पार्टी निष्कासन

             जानकारी देते चलें कि सरकन्डा पार दिग्गज नेता त्रिलोक श्रीवास का क्षेत्र में अच्छा खासा जनाधार है। पिछले 20 साल से परिवार का कोई ना कोई सदस्य पंचायत से लेकर जनपद जिला पंचायत तक प्रतिनिधित्व किया है। लेकिन उन्हें कभी भी अवसर नहीं मिला। यद्यपि हर बार उन्होने अलग अलग फोरम पर टिकट की दावेदारी की है। बावजूद इसके उनका विवाद से चोली दामन का नाता रहा है। यही कारण है कि उन्हें पार्टी से निष्कासन का सामना करना पड़ा है। बात यह भी सामने आयी है कि निष्कासन के बाद उन्हें पार्टी में अभी तक प्रवेश नहीं दिया गया है। अलग बात है कि त्रिलोक श्रीवास खुद को राष्ट्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात करते है।

सभी प्रत्याशियों ने की लिखित शिकायत

        जानकारी के अनुसार पार्टी में रहते हुए साल 2008 में टिकट नहीं मिलने पर त्रिलोक श्रीवास ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी भुवनेश्वर यादव के खिलाफ समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा। 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी भुवनेश्वर यादव ने त्रिलोक श्रीवास पर भितरघात का आरोप लगाया। दोनो ही मामले में भुवनेश्वर ने तत्कालीन पीसीसी प्रमुख को लिखित शिकायत दर्ज कराया। 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान त्रिलोक श्रीवास पर भितरघात का कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र साहू ने लगाया। पीसीसी प्रमुख मोहन मरकान के सामने लिखित शिकायत पेश किया। इसी तरह 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भितरघात की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव ने लिखित शिकायत पीसीसी प्रमुख के सामने दर्ज कराया।

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परिसीमन का विरोध

           जानकारी देते चलें कि नगर निगम विस्तार के दौरान त्रिलोक श्रीवास ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। कोनी समेत सरकन्डा क्षेत्र को निगम मे शामिल किए जाने का विरोध किया।  भाजपा नेताओं और विधायकों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन पीसीसी प्रमुख मोहन मरकाम ने त्रिलोक श्रीवास को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। जानकारी देते चलें कि मामले की शिकायत जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा, गोदावरी कमल सेन समेत तीनों ब्लाक के प्रमुखों ने की थी।

       दो दिन पहले मेयर प्रत्याशी के लिए त्रिलोक श्रीवास ने मेहनत किया। प्रमोद नायक को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में बगावत नामांकन दाखिल किया। इसके बाद उन्होने जिला कांग्रेस अध्यक्ष समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया। इस दौरान त्रिलोक ने बताया कि 2023  विधानसभा चुनाव के दौरान तखतपुर में 15 दिन तक प्रचार प्रसार किया। त्रिलोक के दावे के खिलाफ अब नया मामला सामने आ गया है। 

 एक दिन जरूर देखा

पूर्व संसदीय सचिव और तत्कालीन तखतपुर विधायक डॉ.रश्मि सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है कि त्रिलोक श्रीवास ने क्षेत्र में 15 दिनों तक समर्थन में प्रचार प्रसार किया है। हां इतना जरूर है कि मतदान की तारीख को उन्हें मतदान पर जरूर देखा। डॉ.रश्मि सिंह ने बताया कि त्रिलोक श्रीवास ने एक प्रमाण पत्र मांगा..मैने दिया भी है। यह सोचकर कि वह रिकार्ड रखता है। उसको जरूरत है।

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