शत प्रतिशत ई-पैक्स कंप्यूटरीकरण पूर्ण करने वाला पहला जिला बना खरगोन

खरगोन। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित खरगोन के कार्यक्षेत्र अंतर्गत आने वाली समस्त 128 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियाँ (पैक्स) भारत सरकार की पैक्स कंप्यूटरीकरण योजना के अंतर्गत ई-पैक्स (पैक्स) मोड पर कार्यरत हो गई हैं।

इस उपलब्धि के साथ खरगोन जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जिसकी सभी पैक्स पूर्णतः ई-पैक्स प्रणाली पर संचालित होंगी।     

     बैंक की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री संध्या रोकड़े ने बताया कि ई-पैक्स मोड पर कार्य करने से समितियों की दक्षता, पारदर्शिता और कार्य क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इस आधुनिक प्रणाली के माध्यम से पैक्स सदस्यों को त्वरित वित्तीय सेवाएँ प्राप्त होंगी, संचालन लागत में कमी आएगी तथा वित्तीय समावेशन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।            

         बैंक के प्रशासक एवं संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग इंदौर श्री बी.एल. मकवाना ने इस उपलब्धि पर सभी बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों, पैक्स प्रबंधकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों को बधाई देते हुए कहा कि यह खरगोन जिला बैंक की टीम भावना और समर्पित प्रयासों का परिणाम है, जिसने प्रदेश में एक नई मिसाल कायम की है।          

       इस अवसर पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री विजेंद्र पाटिल ने कहा कि नाबार्ड देशभर में प्राथमिक कृषि साख समितियों के कंप्यूटरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार की इस पहल के अंतर्गत लगभग 63,000 पैक्स को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लाने का लक्ष्य है।

नाबार्ड को इस योजना का मुख्य कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया है, जो वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और निगरानी प्रदान कर रहा है। क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर (ईआरपी) के माध्यम से पैक्स को जिला व राज्य सहकारी बैंकों से जोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीण वित्तीय तंत्र और अधिक सशक्त एवं पारदर्शी बन सके।           

     मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री रोकड़े ने बताया कि यह सफलता बैंक के क्षेत्रीय अधिकारियों, शाखा प्रबंधकों, संस्था प्रबंधकों, मास्टर ट्रेनर्स रूपक असरोदिया एवं अभिषेक पालीवाल तथा जिले की पैक्स समितियों के कंप्यूटर ऑपरेटरों के अथक परिश्रम का परिणाम है, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर जिले की सभी 128 पैक्स को ई-पैक्स प्रणाली से जोडकर एक किर्तीमान बनाया है।

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