रायपुर/भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पेसा (पंचायत उपबंध-अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) कानून के ग्राम स्तरीय क्रियान्वयन की जमीनी सफलता को नजदीक से समझा है।
मंत्रालय के निदेशक रमित मौर्य ने हाल ही में बस्तर के ग्राम घाटकवाली का विस्तृत भ्रमण कर वहाँ की ग्राम सभा की व्यवस्थाओं, निर्णय प्रक्रिया और समितियों के प्रभावी कार्यप्रणाली का गहन अवलोकन किया।
पेसा के तहत सशक्त समितियों का प्रदर्शन
यह भ्रमण घाटकवाली की ग्राम सभा की स्वशासन क्षमता का प्रमाण बन गया। श्री मौर्य ने ग्राम सभा द्वारा गठित विभिन्न समितियों की कार्यप्रणाली को समझा, जिन्होंने पेसा कानून के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
समितियों ने खास तौर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, पर्यावरण संरक्षण के लिए नियम बनाने, सामुदायिक वन संसाधन का प्रबंधन एवं वनोपज का समुचित दोहन कर स्थानीय आजीविका को सशक्त बनाने और विवादों का समाधान कर गाँव में शांति बनाए रखने जैसे कार्यों की विस्तृत जानकारी साझा की।
पारदर्शिता, समानता और सहभागिता का अनुभव
भ्रमण के दौरान, गाँव के ग्रामीणों ने सीधे तौर पर स्थानीय शासन में अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि पेसा कानून ने ग्राम सभा में पारदर्शिता बढ़ाई है और समानता सुनिश्चित करने सहित हर ग्रामीण की सहभागिता सुनिश्चित किया है।
निदेशक श्री रमित मौर्य ने ग्रामवासियों के साथ संवाद करते हुए पेसा कानून के व्यावहारिक पहलुओं, स्थानीय आदिवासी परंपराओं और ग्राम सभा के प्रशासनिक ढांचे को निकट से समझा। इस दौरान क्षेत्र के पंचायत पदाधिकारी, ग्रामसभा के सदस्य और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों सहित बड़ी सख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।