FASTag new Rules/नेशनल हाईवे पर टोल चुकाने के नियमों में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जो 15 नवंबर से देशभर में लागू हो जाएगा। सरकार ने यह कदम देश में नकद लेनदेन को कम करने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए उठाया है।
FASTag new Rules/सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किए गए संशोधन के अनुसार, जिन गाड़ियों पर वैध और चालू फास्टैग नहीं है, उनके लिए टोल चुकाने के तरीके में अब दो विकल्प होंगे, जिनका सीधा असर बचत पर पड़ेगा।
FASTag new Rules/नए नियम के तहत, वैध और चालू फास्टैग के बिना टोल प्लाजा में प्रवेश करने वाली गाड़ियों से नकद भुगतान करने पर उन्हें लागू टोल राशि का दोगुना शुल्क लिया जाएगा।
हालांकि, ऐसे यूजर्स जो UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के माध्यम से टोल का भुगतान करते हैं, उनसे लागू टोल का केवल 1.25 गुना शुल्क लिया जाएगा। यह नियम उन लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत लाएगा, जिनकी गाड़ियों पर फास्टैग नहीं होता, बंद होता है या रिचार्ज नहीं होता, क्योंकि ऐसे मामलों में अब तक उन्हें नकद में सीधा दोगुना टोल चुकाना पड़ता था।
उदाहरण के लिए, यदि दिल्ली से मेरठ जाने का टोल ₹170 है: अगर फास्टैग एक्टिव है तो ₹170 चुकाने होंगे। अगर फास्टैग काम नहीं कर रहा है और कैश भुगतान किया जाता है, तो दोगुना यानी ₹340 चुकाने होंगे।
लेकिन अगर आप UPI से भुगतान करते हैं, तो आपको केवल 1.25 गुना यानी ₹212.50 चुकाने होंगे, जिससे आपकी ₹127.50 (37.5 प्रतिशत) की सीधी बचत होगी। यह नया नियम 15 नवंबर से देशभर में प्रभावी हो जाएगा और टोल प्लाजा पर कैश लेनदेन को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
