दीपावली पर्व के दौरान जनसुरक्षा को ध्यान में रखते हुये जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने आज एक आदेश जारी कर सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को अपने अनुभाग के अंतर्गत स्थायी एवं अस्थाई पटाखा संग्रहण और विक्रय स्थलों का तथा आतिशबाजी विनिर्माण एवं विस्फोटक मैगजीन स्थलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं।
श्री सिंह ने निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लंघन, पटाखों का अवैध भंडारण एवं अनियमितता पाये जाने पर लायसेंसियों के विरुद्ध विस्फोटक अधिनियम 1884, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 एवं विस्फोटक नियम 2008 के तहत दंडात्मक कार्यवाही करने की हिदायत भी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों तथा चायनीज और प्रतिबंधित फटाका एवं फटाका सामग्री का उपयोग, प्रयोग और क्रय-विकय पर प्रतिबंध का सख्ती से पालन कराने के निर्देश भी दिये हैं।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन, भोपाल द्वारा हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों का उल्लेख करते हुये कहा कि इनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को न केवल अपने अनुभाग के पटाखा निर्माण, संग्रहण एवं विक्रय स्थलों का निरीक्षण करना होगा, बल्कि जनसुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मापदण्ड अनुसार पटाखों के निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन व आतिशबाजी के प्रयोग के संबंध में व्यवसासियों तथा आमजन को अपने स्तर से चेतावनी जारी करनी होगी और अपने अनुभाग के आतिशबाजी के अस्थाई विक्रेताओं की बैठक बुलाकर भी नियम-निर्देशों से अवगत कराना होगा।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में अनुविभागीय दण्डाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने कहा गया है कि अस्थाई फटाका दुकानों के लिये चिन्हित स्थान आबादी क्षेत्र से दूर और सुरक्षित स्थानों पर हों। चिन्हित स्थान के अलावा एवं बिना लायसेंस के फटाका का विक्रय न हो तथा धार्मिक स्थल, अस्पताल, स्कूल एवं किसी भी प्रतिबंधित स्थल के नजदीक फटाका दुकानें न लगाई जायें। आतिशबाजी के अस्थाई भण्डारण एवं विकय हेतु तैयार शेड (दुकानें) की आपसी दूरी कम से कम तीन मीटर हों, ये एक दूसरे के आमने-सामने न हो तथा दुकानें अग्निरोधी सामग्री अथवा लोहे की चादरों से ही निर्मित हों।
आतिशबाजी विक्रय हेतु तैयार शेड में अथवा शेडों की सुरक्षा हेतु निर्धारित दुकानों की आपसी 3 मीटर की दूरी में तेल से जलने वाले लैम्प अथवा खुली बत्तियों या कपड़े का उपयोग न किया जाये। आदेश में कहा गया है कि पटाखा दुकानों में प्रकाश व्यवस्था सुरक्षित तकनीकी मापदण्ड अनुसार ही हो तथा प्रकाश व्यवस्था का आपरेटिंग सिस्टम पूर्णतः सुरक्षित हो। आतिशबाजी विक्रय हेतु अस्थाई दुकानों का निर्माण अग्निरोधी सामग्री व तकनीकी अधिकारी की देखरेख एवं नियंत्रण में ही किया जाये। दुकानों के निर्माण में लकड़ी की रेक एवं कपड़े के शामियानों का उपयोग न हो। आदेश में कहा गया है कि एक समूह में 50 से अधिक दुकानें अनुज्ञात नहीं की जायें।
लायसेंस नवीनीकरण किये बिना आतिशबाजी का कय-विकय न हो। विक्रय स्थल पर आतिशबाजी का प्रदर्शन भी न हो। प्रत्येक लायसेंसधारी द्वारा दुकान के सामने अग्नि सुरक्षा हेतु बालू एवं पानी से भरी बाल्टियां व अन्य अग्निरोधी उपकरण रखें जायें तथा आतिशबाजी के विक्रय हेतु निर्धारित परिसर में 24 घंटे फायर बिग्रेड की सुविधा सुनिश्चित हो। आतिशबाजी अग्निरोधी सामग्री से बने शेड में ही रखी जाएगी और इस तरह सुरक्षित होगी कि कोई अनाधिकृत व्यक्ति उस तक न पहुंच सकें।
थोक विक्रेता द्वारा फुटकर विक्रेता को उनका लायसेंस देखकर ही आतिशबाजी विक्रय किया जाये। निर्धारित स्थान से अन्य स्थान अर्थात शहरी क्षेत्र में कोई व्यक्ति अनाधिकृत रूप से आतिशबाजी का विक्रय करता पाया जाये तो उसके विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की जाये। जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि आयुक्त नगर पालिक निगम जबलपुर, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंम्पनी, विद्युत सुरक्षा निरीक्षक, सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा शेड निर्माण से संबंधित समस्त ऐजेंसी आदि अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षित अस्थाई शेड निर्माण करने अथवा करवाने की सुसंगत कार्यवाही हेतु पूर्णतः उत्तरदायी होंगे। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आतिशबाजी दुकानें रहवासी भवन से पूर्णतः अलग होंगी। फटाखा दुकान से ऊपरी तल पर जाने का रास्ता नहीं होगा। फटाखा दुकान के उपर निवास स्थान नहीं होगा। फुटकर फटाका व्यवसायी के नवीनीकृत लायसेन्स की कॉपी प्राप्त करके ही थोक फटाका व्यवसायी उन्हें निर्धारित मात्रा में फटाखा की बिक्री करेंगें। ठेलागाडी और चलित रूप से और हाट बाजारों में दुकान लगाकर फटाका का क्रय-विक्रय नहीं किया जायेगा। फटाखा व्यवसायियों एवं लायसेंस धारकों द्वारा लायसेंस में दी गई शर्तों एवं शासन के नियमों तथा स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा प्रदत्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जायेगा। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में कहा है कि दीपावली पर्व के दौरान फटाका विक्रय केंद्रों और अस्पताल परिसर में आवश्यकता अनुसार मेडिकल स्टॉफ, एम्बुलेंस व आवश्यक दवाईयां 24 घण्टे उपलब्ध रखी जायें, ताकि विपरीत परिस्थिति में इनका उपयोग किया जा सकें। इसी के साथ जिला अस्पताल में भी आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाये। आदेश में विद्युत विभाग को भी निर्देश दिये गये हैं कि किसी प्रकार की विपरीत एवं आपात स्थिति से निपटने हेतु पर्याप्त सुरक्षा उपकरण, स्टॉफ आदि की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। पर्व के दौरान सूचनाओं के आदान प्रदान, विभिन्न विभागों के बीच समन्वयन और आवश्यक कार्यवाहियों हेतु तहसील कार्यालयों और नगरीय निकायों में 24 घण्टे संचालित रहने वाला कण्ट्रोल रूम स्थापित किये जायें।
