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छत्तीसगढ़ नान घोटाला: पूर्व IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा चार हफ्ते की ईडी हिरासत में, दिल्ली ले जाएगी एजेंसी

छत्तीसगढ़ नान घोटाला: रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में सोमवार को बड़ी कार्रवाई हुई। रायपुर की एक विशेष अदालत ने पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार सप्ताह की हिरासत में भेज दिया है। दोनों अधिकारियों ने अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद ईडी ने उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। अब एजेंसी पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली ले जाएगी।

ईडी के अधिवक्ता सौरभ कुमार पांडे ने बताया कि विशेष न्यायाधीश (धन शोधन निवारण अधिनियम) डमरुधर चौहान ने यह आदेश दिया है। अदालत ने साफ किया है कि 19 सितंबर से चार हफ्तों तक ईडी की हिरासत प्रभावी रहेगी और दोनों को 16 अक्टूबर को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने शुक्ला और टुटेजा को दी गई अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी। कोर्ट ने ईडी को आदेश की प्रति मिलने के चार सप्ताह के भीतर दोनों को हिरासत में लेने की अनुमति दी थी। इसी क्रम में दोनों ने अदालत में आत्मसमर्पण किया।

गौरतलब है कि अनिल टुटेजा पहले से ही 2000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में थे। उन्हें पेशी वारंट पर कोर्ट में पेश किया गया था और इसके बाद उन्होंने नान घोटाले में आत्मसमर्पण किया।

नान घोटाला फरवरी 2015 में उजागर हुआ था, जब एसीबी/ईओडब्ल्यू ने पीडीएस प्रणाली की नोडल एजेंसी— नागरिक आपूर्ति निगम— के 25 ठिकानों पर छापे मारे थे। इस कार्रवाई में 3.64 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की गई थी। जांच में पाया गया कि निगम में वितरण किए जा रहे चावल और नमक की गुणवत्ता बेहद खराब और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त थी।

इसके बाद एसीबी ने तत्कालीन अध्यक्ष आलोक शुक्ला और प्रबंध संचालक अनिल टुटेजा समेत कुल 18 लोगों को आरोपी बनाया। ईडी ने 2019 में इसी FIR और आरोप पत्र के आधार पर धन शोधन का मामला दर्ज किया।

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