8th Pay Commission – केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: 8वां वेतन आयोग तय करेगा नया फिटमेंट फैक्टर, जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी!

8th Pay Commission -देशभर के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर है! सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसका मतलब है कि अब आयोग आधिकारिक रूप से अपना काम शुरू कर देगा।

8th Pay Commission -इस आयोग का मुख्य काम यह तय करना होगा कि फिटमेंट फैक्टर क्या होगा और भत्तों व पेंशन में क्या-क्या बदलाव किए जाएंगे। आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है, और उम्मीद है कि आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएगा।

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह फिटमेंट फैक्टर पर ही निर्भर करेगा।

8th Pay Commission -अब समझते हैं कि आखिर यह फिटमेंट फैक्टर क्या होता है।

8th Pay Commission -फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर है जिसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन की गणना करने में किया जाता है। यह फैक्टर महंगाई, कर्मचारी की जरूरतों और सरकार की वित्तीय क्षमता जैसे कई कारकों पर आधारित होता है। सीधे शब्दों में कहें तो, फिटमेंट फैक्टर जितना अधिक होगा, कर्मचारियों की सैलरी में भी उतनी ही अधिक वृद्धि होगी। इसे निकालने का तरीका भी काफी सरल है: यदि हम संशोधित मूल वेतन को मौजूदा मूल वेतन से विभाजित करते हैं, तो हमें फिटमेंट फैक्टर मिल जाता है। यह फैक्टर हमें यह बताता है कि नए वेतन ढांचे में सैलरी में कितनी अधिक बढ़ोतरी हुई है।

उदाहरण के लिए, यदि मौजूदा मूल वेतन 18,000 रुपये है और नया मूल वेतन 46,260 रुपये है, तो फिटमेंट फैक्टर 2.57 (46,260 ÷ 18,000) होगा।

सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। इसी तरह, न्यूनतम पेंशन भी 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गई थी। इससे पहले, जनवरी 2006 में लागू हुए छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिसने न्यूनतम मूल वेतन को 2,750 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये कर दिया था।

हालांकि, इस बार फिटमेंट फैक्टर कम रहने की संभावना है।

जब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें की गई थीं, उस समय छठे वेतन आयोग द्वारा तय किए गए वेतनमान के ऊपर महंगाई भत्ता (डीए) 114% था। लेकिन अभी केंद्रीय कर्मचारियों का डीए केवल 58% है, जो आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने तक 61-62% तक पहुंच सकता है।

इस स्थिति को देखते हुए, पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अनुसार, नया फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.92 रह सकता है। यदि ऐसा होता है, तो आठवें वेतन आयोग में न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा। इसका अर्थ यह है कि मूल सैलरी तीन गुना होने की उम्मीदें इस बार काफी कम हैं, फिर भी कर्मचारियों को एक अच्छी बढ़ोतरी मिलने की संभावना है।

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