शिक्षाकर्मी हड़तालः शासन के साथ वार्ता विफल…संजय शर्मा का बयान..आधा नहीं..पूरा अधिकार चाहिए…

BHASKAR MISHRA
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IMG-20171115-WA0087रायपुर—शिक्षाकर्मी महागठबंधन की सरकार से वार्ता विफल हो गयी है। वार्ता विफल होने के बाद शिक्षाकर्मियों के महागठबंधन ने शाला बहिष्कार और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय को यथावत रखा है। शिक्षा सचिव विकासशील, सामान्य प्रशासन विभाग सचिव, पंचायत और वित्त अधिकारियों के साथ करीब 4 घंटे की मैराथन बैठक के बाद शिक्षाकर्मी संगठन के नेताओं ने हड़ताल के निर्णय को सही बताया है। मालूम हो कि राज्य शासन ने आज शिक्षाकर्मियों को वार्ता के लिए टेबल पर बुलाया था। लेकिन दोनों पक्षों के बीच मांगो को लेकर अंत तक सहमति नहीं बन पायी।
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                       शिक्षाकर्मियों की सरकार के साथ पहले दौर की वार्ता विफल हो गयी है। शिक्षाकर्मियों ने 20 नवंबर को होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल को बरकरार रखने का फैसला किया है। शिक्षा सचिव विकासशील,सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के साथ-साथ पंचायत व वित्त विभाग के अधिकारियों की शिक्षाकर्मी महागठबंधन के नेताओं के साथ मंत्राय में करीब 4 घंटे तक बातचीत हुई।  लेकिन सहमति नहीं सकी है. बैटक के बाद शिक्षाकर्मियों ने बताया कि सरकार की ढुलमुल रवैये के बाद संगठन ने फैसला किया है कि शाला बहिष्कार के फैसले हटना मुमकिन नहीं है।
                                     राज्य शासन अधिकारियों की बैठक शाम चार बजे मंत्रालय में हुई। शिक्षा सचिव विवेकशील ने कुछ मांगो पर मुहर लगाते हुए शिक्षाकर्मियों को हड़ताल के निर्णय से हटने को कहा। मोर्चा पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि यदि शिक्षाकर्मियों की 9 सूत्रीय मांगों को मान लिया जाता है तो हड़ताल पर जाने का सवाल ही नहीं उठता।
            बैठक में छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय मोर्चा प्रांतीय संचालक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, केदार जैन,विकास राजपूत,चंद्रदेव राय के अलावा 5 शिक्षाकर्मी प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक में बीएड में रियायत देने के अलावा नये वेतनमान, भत्ता समेत अन्य मांगो पर सहमति बनी…लेकिन शिक्षाकर्मियों के शासकीयकरण और संविलियन पर सरकार पीछे हट गयी। विकास शील ने कहा कि शासकीयकरण और संविलियन जैसे अन्य मुद्दों पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है।
                       बैठक के बाद छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय संघर्ष मोर्चा के नेताओं ने बताया कि शिक्षाकर्मियों को एक बार फिरIMG-20171115-WA0088 सरकार ने बेवकूफ बनाने की कोशिश की है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इसलिए 20 नवंबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल के फैसले से हटना फिलहाल मुमकिन नहीं है।
सरकार का ढुलमुल रवैया
                                       नगरीय निकाय मोर्चा प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक में सरकार का ढुूलमुल रवैया देखने को मिला। मुख्य मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। वार्ता के बाद महागंठबंधन ने फैसला किया है कि अनिश्चितकालीन ह़ड़ताल पूर्वनिर्धारित तारीख को ही होगा। 20 नवम्बर को शाला का बहिष्कार किया जाएगा। सरकार को लगता है कि बातचीत की संभावना है तो हम हर बार संविलियन और शासकीयकरण की मांग को प्राथमिकता के साथ रखेंगे।

चुनाव से हटाने की मांग

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              सरकार से पहले दौर की वार्ता के विफल होने के बाद छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय संघर्ष मोर्चा पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकत की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखित पत्र देकर मतदाता पुनरीक्षण कार्य मे शामिल शिक्षक पंचायत संवर्ग को कार्य से मुक्त करने को कहा है। संजय शर्मा,केदार जैन,वीरेन्द्र दुबे,विकास राजपूत,चन्द्रदेव राय ने निर्वाचन आयोग को बताया कि 20 नवम्बर से सभी शिक्षाकर्मी प्रदेशव्यापी अनिश्चिताकलीन हड़ताल पर जाएंगे। इसलिए मतदाता पुनरीक्षण कार्य में शामिल शिक्षाकर्मियों को मुक्त किया जाए।

पूरा अधिकार चाहिए

              शिक्षाकर्मी महागठबंधन के नेता ने कहा कि दशकों ने जलालत की जिन्दगी जी रहे हैं। शिक्षाकर्मी अब बेगारी नहीं करेंगे। एक लाख 80हजार  शिक्षकों का शोषण बर्दास्त नहीं किया जाएगा। हमें आधा नहीं पूरा अधिकार चाहिए। संविलियन और शासकीयकरण हमारा प्रमुख मुद्दा है। मुद्दे से हटने का सवाल ही नहीं उठता है। 20 नवम्बर को प्रदेश का एक एक शिक्षाकर्मी अनिश्चितकालीन के लिए शाला का बहिष्कार करेगा।

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