बिलासपुर—सरकार के सख्त रूख के सामने बेमियादी हड़ताल में शामिल शिक्षाकर्मियों के हौसले धीरे धीरे पस्त होने लगा है। सैकड़ों लोग काम पर लौट गए हैं। बताया जा रहा है कि सैकड़ों की संख्या में शिक्षाकर्मी सोमवार को स्कूल में नजर आएंगे। कुल मिलकार शिक्षाकर्मियों की एकता में दरार दिखाई देने लगी है। बेमियादी हड़ताल पर गए शिक्षाकर्मियों के संगठन नेताओं का आरोप है कि सरकार हमारी एकता को तोड़ने का षड़यन्त्र कर रही है।
सरकार के सख्त रूख के सामने शिक्षाकर्मियों की एकता में दरार दिखाई देने लगी है। धीरे धीरे लोग स्कूल की तरफ लौटने लगे हैं। इधर शिक्षाकर्मी संगठन नेता संजय शर्मा का कहना है कि आंदोलन चरम पर है। प्रशासनिक हलचल तेज हो गयी है। सरकार वो सारे हथकंडे आजमा रही है.जिससे आंदोलन बिखर जाए। लेकिन यह संभव नहीं है।
संजय शर्मा ने दावा किया है कि हम ना तो कार्यवाही से डरने वाले हैं और ही बिखरने वाले हैं । निलंबन और बर्खास्तगी से किसी भी साथी को डरने की जरूरत नहीं है। निलंबन और बर्खास्तगी की कार्यवाही शासन का एक मात्र डराने का हथकंडा है। सरकार आंदोलन तोड़ने के लिए हरसंभव तरीके और हथकंडों को अपना रही है।
संजय शर्मा ने अपने साथियों और पत्रकारों को बताया कि 1998 से अब तक जब से शिक्षा कर्मी की नियुक्ति हुई है। शासन ने हमेशा आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया है। आज तक हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश के एक भी शिक्षाकर्मी की नौकरी नहीं गयी है। जबकि सरकार हर बार हड़ताल में सैकड़ों और हजारों लोगों को निलंबित और बर्खास्त करती रही है।
संजय शर्मा के अनुसार आंदोलन समाप्त होने पर सरकार को सभी कार्यवाहियों को निरस्त करना होगा। ऐसा पहले भी होता रहा है। आंदोलन समय से लेकर निलंबन और बर्खास्तगी की बहाली तक का पूरा वेतन पहले भी दिया गया इस बार भी मिलेगा। संजय ने शिक्षाकर्मियों से निवेदन किया है कि हमारा कोई भी साथी आंदोलन से खुद को अलग ना करे । संविलियन पाने के लिए डर से जीतना होगा। यही मौका है कि डर को जीतें और संविलियन का तोहफा लें।