शांति मार्च:PSC में क्यों पिछड़ रहे आर्ट्स स्टूडेंट,आयोग पर भाई भतीजावाद का लगा लांछन

BHASKAR MISHRA
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IMG-20171031-WA0005बिलासपुर—छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग परीक्षा के तैयारी करने वालों ने आज शांति मार्च निकाला। गाधी चौक से सीएमडी कालेज तक शांति मार्च निकालने के बाद धरना प्रदर्शन किया। राज्य लोक सेवा आयोग के सिलेबस में सुधार की मांग की। सरकार पर टाल मटोल का भी आरोप लगाया। प्रतियागी छात्रों ने कहा कि भाई भतीजावाद के कारण प्रतियोगियों का करियर बरबाद हो रहा है। यदि सरकार ने शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लिया तो… प्रदेश के सभी प्रतियोगी छात्र 6 नवम्बर को तीन सूत्रीय मांग को लेकर लोक सेवा आयोग कार्यालय रायपुर के सामने जंगी धरना प्रदर्शन करेंगे।

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                       बिलासपुर में राज्य लोकसेवा आयोग की तैयारी करने वाले छात्रों ने गांधी चौक से सीएमडी कालेज तक शांति मार्च में शामिल हुए। प्रतियोगी छात्रों ने तीन सूत्रीय मांग को लेकर सीएमडी चौक में विरोध प्रदर्शन कर  सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है।

                 विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि पिछले 5 सालों में राज्य सेवा की परीक्षा में एक विषय विशेष छात्रों को प्राथमिकता मिल रही है। कला,वाणिज्य के छात्रों का चयन नाम मात्र में हो रहा है।

                              मामले में चिंता जाहिर करते हुए प्रतियोगियों ने बताया कि खुद छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने भी माना है कि विज्ञान के अलावा अन्य विषय के छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। आयोग ने इसकी मुख्य वजह सिलेबस को बताया है। बावजूद इसके पिछले पांच सालों में सरकार ने सिलेबस की त्रुटियों को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। जबकि सिलेबस से त्रुटियों को दूर करने एक समिति का भी गठन किया गया था। लेकिन समिति के परामर्श को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

                  प्रतियोगी छात्रों के अनुसार सिलेबस में सुधार को लेकर पिछले एक साल में सात बार जिम्मेदार लोगों को ज्ञापन दिया जा चुका है। बावजूद इसके हमारी आवाज को सरकार ने तवज्जों नहीं दे रही है। जिसके कारण युवाओं को 31 अक्टूबर को प्रदेश के सभी जिलों में शांति मार्च का आयोजन करने  मजबूर किया गया है।

                            छात्रों ने बताया कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिलेबस सुधार को लेकर कुछ जरूरी दिशा निर्देश दिये हैं। समिति के अनुसार सिलेबस असंतुलित होने की वजह से चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। पिछले पांच साल की परीक्षा रिकार्ड के अनुसार इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस के 86 प्रतिशत,आर्टस के 8 प्रतिशत और कामर्स के मात्र 3 प्रतिशत छात्रों को चयन हुआ है।

                                            छात्रों की माने तो समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कामर्स और आर्ट के छात्रों का चयन नहीं होने की मुख्य वजह सीसैट और मुख्य परीक्षा में 200 नम्बर का गणित का पेपर है। जिसका फायदा विज्ञान के छात्रों को है। लेकिन आज तक ना तो सिलेबस की खामियों को दूर किया गया और ना ही रिपोर्ट को  सार्वजनिक ही किया गया।

                                      शांति मार्च के बाद धरना पर बैठे छात्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में भाई भतीजावाद का बोलबाला है। कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सिलेबस में बदलाव की मांग को अनसुना किया जा रहा है।

                  लोक सेवा आयोग के परीक्षार्थियों ने बताया कि अंतिम बार शांति मार्च निकालकर संतुलित सिलेबस बनाने की मांग की है। सरकार से मांग है कि राज्यसेवा परीक्षा 2017 नए प्रारूप में हो। प्रारंभिक परीक्षा मे द्वितीय प्रश्नपत्र सीसैट को केवल क्वालिफाई के लिए हो।मुख्य परीक्षा में गणित और विज्ञान प्रश्न पत्र को कम्पाइल किया जाए। इसके बाद ही नए पदों के लिए विज्ञापन जारी किया जाए। परीक्षा दो महीने देरी से भी होती है तो छात्र परेशानी झेलने के लिए तैयार हैं।

                               प्रतियोगी छात्रों ने बताया कि अम्बिकापुर, रायगढ़, राजनाांदगाांव,कोरबा, जाांजगीर,जदलपुर,समेत प्रदेश के सभी जिलों में 31 अक्टूबर को एक साथ विरोध प्रदर्शन किया गया है। यदि सरकार ने विरोध प्रदर्शन को गंभीरता से नहीं लिया। छात्रहित में सिलेबस को संतुलित नहीं किया तो 6 नवम्बर को राज्य के हजारों छात्र एक साथ रायपुर स्थित लोक सेवा आयोग के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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