मासूम बच्चों को चाकलेट खिलाने वालों की तलाश तेज..11 बच्चे लौटे घर..आकांक्षा और विरेन्द्र की हालत सामान्य

BHASKAR MISHRA
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cims_children_indexबिलासपुर—चाकलेट खाने के बाद बेहोश 13 बच्चों में से 11 बच्चे अपने घर लौट गए हैं। दो बच्चे अभी भी चिकित्सकों की देखरेख में दोनों की हालत ठीक है। उन्हें कभी भी रिलीव किया जा सकता है। मंगलवार शाम को सभी 13 बच्चों को बेहोशी की हालत में भर्ती किया गया था। खबर मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन के आलाधिकारी बच्चों को देखने सिम्स पहुंचे थे। फिलहाल अब सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है।

             
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                                 मालूम हो कि मंगलवार को शाम को खमतराई स्थित नयातालाब पारा के 13 बच्चों को बेहोशी की हालत में सिम्स में भर्ती कराया गया था। सभी को देर शाम करीब 8 बजे में सिम्स में भर्ती कराया गया। त्वरित उपचार के बाद बच्चों की स्थिति में सुधार देखने को मिला। खबर मिलने के बाद कलेक्टर पी.दयानन्द कौर पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव सिम्स में पहुंचकर हालात का जायजा लिया।

                   आज दोपहर भर्ती 13 में 11 बच्चों को उचित इलाज के बाद सिम्स प्रशासन ने घर भेज दिया। दो बच्चे आकांक्षा और विरेन्द्र की स्थिति नाजुक थी। इसलिए दोनों बच्चों को एतिहात के तौर पर सिम्स प्रशासन ने रोक कर रखा। यद्यपि दोनों की स्थिति सामान्य है। दोनों बच्चे घर जाने की जिद करते रहे।

जांच पड़ताल में जुटी पुलिस

                      चाकलेट कौन दिया…। चाकलेट में क्या था..जिसे बच्चे खाकर बेहोश हो गए। तमाम प्रश्नों के सवाल पुलिस ढूंढ रही है। पुलिस बच्चों से लगातार बातचीत कर रही है। बच्चे अभी तक स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता पता रहे हैं। कोई बच्चा काली कार की बात करता है तो कोई सफेद की बात। कुछ बच्चे बता रहे हैं कि कार में चार लोग सवार थे। तो कुछ ने बताया कि कार से दो लोग उतरे। दोनों ने चाकलेट दिया। दोनों के चेहरे नकाब से ढके थे। मालूम हो कि नशे का चाकलेट खाने वाले सभी बच्चे गरीब मांता पिता के घर से ताल्लुक रखते हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे आंगनबाड़ी में पढ़ते हैं। सभी बच्चों की उम्र करीब 22 महीने से आठ साल के बीच है।

                                    पुलिस अधिकारियों की माने तो छानबीन चल रही है। अपराधियों तक पहुंचने का भरसक प्रयास किया जाएगा।

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