रमन सरकार की एक नयी पहल,कचरा बीनने वाले हाथ अब सिलेंगे कपड़े

Shri Mi
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2621-cmरायपुर।देवकी, नंदा, दीपिका, संध्या, झुमरी, करिश्मा, दामिनी, अंजली और सुजाता जैसी महिलाओं और किशोरी बालिकाओं के लिए आज का दिन किसी सपने से कम नहीं था जब प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उन्हें न सिर्फ अपने हाथों से भोजन परोसा, बल्कि उनके मोहल्ले तेलीबांधा में उनके लिए कौशल प्रशिक्षण केन्द्र का भी शुभारंभ किया और उनके साथ फोटो भी खिंचवायी। ये महिलाएं और किशोरी बालिकाएं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रतिदिन सवेरे 4 बजे से दोपहर 2 बजे तक सड़कों और गली-मोहल्लों में घूम-घूमकर कचरा बीनने का काम कर रहीं थी। इससे उन्हें हर दिन मात्र 50 रूपए से 100 रूपए तक आमदनी होती थी और बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजारा चलता था, लेकिन अब उनको श्रम विभाग के कौशल प्रशिक्षण केन्द्र में सिलाई, बुनाई और रसोई बनाने का प्रशिक्षण मिलेगा।

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                   सीखने के दौरान उनको हर दिन 300 रूपए की दर से न्यूनतम मजदूरी के रूप में 9 हजार रूपए का प्रशिक्षण भत्ता भी मिलेगा। कचरा बीनने के तनावपूर्ण कार्य से मुक्ति मिलने पर उनके चेहरों पर रौनक आ गई है।

                  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन (सेवा दिवस) और विश्वकर्मा पूजन दिवस के अवसर पर यह प्रशिक्षण केन्द्र श्रम विभाग की ‘सीखो और कमाओ’ नामक योजना के तहत शुरू किया गया। इस केन्द्र में कचरा बीनने वाले हाथों को कपड़ा सिलने और रसोई बनाने का सम्मानजनक वैकल्पिक रोजगार पाने का भरपूर अवसर मिलेगा।

                 राज्य शासन द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष भी मनाया जा रहा है। उनके एकात्म मानववाद और अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करने में इस केन्द्र की महती भूमिका होगी। इनमें से कई महिलाओं ने सिर्फ पहली और दूसरी, तीसरी और पांचवी तक की पढ़ाई की है।

                  कुछ महिलाओं ने आठवीं तक, जबकि कई महिलाएं फिलहाल अक्षर ज्ञान से वंचित हैं। इनमें से अधिकांश महिलाएं तेलीबांधा के सुभाषनगर मोहल्ले में रहती हैं। उनके अलावा कुछ महिलाओं के परिवारों को कचना में बीएसयूपी मकान भी आवंटित किए गए हैं।

                 श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विगत कई पीढि़यों से गली-मोहल्लों और सड़कों पर कचरा बीनकर जीवन-यापन करने वाले परिवारों के सदस्यों को इस कार्य से बाहर निकालकर उन्हें विभिन्न वैकल्पिक रोजगारों के लिए कौशल प्रशिक्षण देने के लिए विभाग द्वारा सीखो और कमाओ योजना शुरू की गई है। इन परिवारों की महिलाओं को श्रमिकों के बच्चों के कपड़े सिलने और रसोई बनाने के कार्य दिया जाएगा।

                 ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि प्रशिक्षण के बाद उनका रोजगार लगातार चलता रहे। उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा आज से शुरू किए गए दीनदयाल श्रम अन्न सहायता योजना के तहत खुलने वाले केन्द्रों में रसोईये का भी कार्य मिलेगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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