नईदिल्ली।पैराडाइज पेपर्स लीक मामले में सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। भारतीय कंपनियों के कथित फंड डायवर्जन और कॉरपोरेट गवर्नेंस में हुई चूक को लेकर सामने आई कॉरपोरेट लीक को लेकर सरकार ने सीबीडीटी चेयरमैन की अध्यक्षता में मल्टी जांच एजेंसी का फिर से गठन किया है।गौरतलब है कि इससे पहले पनामा लीक मामले की जांच के लिए सरकार ने इसी एजेंसी का गठन किया था, जिसमें अब मामूली बदलाव किया गया है।इस एजेंसी में सीबीडीटी(सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज) , प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्तीय खुफिया ईकाई (एफआईयू) के अधिकारी शामिल होंगे और इसके प्रमुख सीबीडीटी के चेयरमैन होंगे।
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सीबीडीटी ने कहा, ‘मीडिया में पैराडाइज पेपर्स के नाम से जो खुलासा किया गया है उसमें 180 देशों की कंपनियों के डाटा शामिल हैं और इसमें भारत की रैकिंग 19वीं है। इस सूची में भारत से 714 नामों का खुलासा किया गया है।’रविवार देर रात हुए कॉरपोरेट लीक में 714 भारतीयों के नाम सामने आए हैं।
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इस लीक में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का भी नाम शामिल है।गौरतलब है कि माल्या से जुड़ी कई कंपनियां पहले से ही जांच के दायरे में हैं। इससे पहले सेबी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि इंटरनैशनल कंसोर्शियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) के खुलासे में सामने आई नई जानकारी की भी जांच की जाएगी।गौरतलब है कि पैराडाइज पेपर्स, आईसीआईजे की तरफ से किया गया बड़ा खुलासा है जो दुनिया भर के कॉरपोरेट के लेन-देन से जुड़ा हुआ है। यह खुलासा बरमूडा की कंपनी एपलबाई के दस्तावेज लीक से जुड़ी हुई है, जिसमें करीब 100 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के टैक्स प्लानिंग की जानकारी सामने आई है।