रामजन्म भूमि के मुख्य पक्षकार महंत भास्कर दास का 88 साल की उम्र में निधन

Shri Mi
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44-mahantraguvirdas_5नईदिल्ली।अयोध्या में रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवादित परिसर के मुख्य पक्षकार और निर्मोही अखाड़े के महंत भास्कर दास का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। महंत भास्कर दास को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें इलाज के लिए हर्षण हृदय संस्थान में भर्ती कराया गया था जहां वो आईसीयू में भर्ती थे।बताया जा रहा है कि भास्कर दास को यह तीसरा अटैक आया है। इससे पहले उन्हें साल 2003 और 2007 में भी अटैक आ चुका था।आपको बता दें कि महंत भास्कर दास निर्मोही अखाड़ा के महंत थे और राम जन्मभूमि मामले के मुकदमे में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। इस मुकदमे में वह हिंदू पक्ष से मुख्य पक्षकार के रूप में मुकदमा लड़ रहे थे।

                    1959 में निर्मोही अखाड़े के महंत रघुनाथ दास ने राम जन्मभूमि पर अपने दावे को लेकर न्यायालय में याचिका दाखिल किया था। वहीं उसी परिसर में स्थित राम चबूतरे के पुजारी के रूप में पूजा पाठ करने वाले महंत भास्कर दास ने भी इसी मुकदमे में शामिल होते हुए अपनी ओर से भी एक और मुकदमा दाखिल किया था।करीब 5 दशक तक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 30 सितंबर 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अपना फैसला सुनाया था जिसमें इस मामले में हिन्दू मुस्लिम दोनों पक्षों के पक्षकारों को एक-एक हिस्से की भूमि देने का फैसला सुनाया गया था।

                      लेकिन पूरे भूखंड पर अपने स्वामित्व की लड़ाई को लेकर निर्मोही अखाड़े के सरपंच महंत भास्कर दास ने देश की सबसे बड़ी अदालत सर्वोच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है और वर्तमान में भी वह अपने अधिवक्ता के जरिये इस मुकदमे की पूरी शिद्दत से पैरवी कर रहे हैं।

                      गौरतलब है कि सन् 1993 में सीढ़ीपुर मंदिर के महंत रामस्वरूप दास के निधन के बाद उनके स्थान पर भास्कर दास को निर्मोही अखाड़े के सरपंच की उपाधि मिली जिसके बाद से वह वर्तमान समय तक निर्मोही अखाड़े के सरपंच के रूप में अपनी जिम्मेदारी को निभा रहे थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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