पत्रकार राजकुमार सोनी की दो पुस्तकें प्रकाशित…विश्व पुस्तक मेले में होगी रिलीज

Shri Mi
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rajkumar_soni_book_release_indexबिलासपुर/रायपुर।छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले पत्रकार राजकुमार सोनी की दो पुस्तकें सर्वप्रिय प्रकाशन कश्मीरी गेट दिल्ली से प्रकाशित हो गई है। यह दोनों किताबें दिल्ली में प्रारंभ होने जा रहे विश्व पुस्तक मेले में रीलिज की जाएगी।बदनाम गली शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक में रायपुर में लंबे समय तक कायम रही तवायफ गली की दर्द भरी दास्तान है। इसके अलावा इस किताब में बस्तर के घोटुल में उपजे प्रेम पर मंडराते खतरे को लेकर भी लेखक ने चिंता जाहिर की है। राजकुमार सोनी की इस किताब में छत्तीसगढ़ और वहां के लोग अपने विविध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक आयामों के साथ मौजूद है। पत्रकार सोनी ने एक-एक विषय को पीड़ा से भरे हुए अहसास के साथ उठाया है। उनका पन्ना व्यतीत में खुलता है लेकिन वर्तमान की बात करता है। एक लेखक की हैसियत से सोनी ने यथार्थ की भीतरी गहराइयों में प्रवेश कर उसके अन्तःसंदर्भों की पड़ताल का रचनात्मक जोखिम उठाया है।

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राजकुमार सोनी की पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि वह किसी तथाकथित स्कूल या घराने से संचालित नहीं है। उनके लेखन में सधी- सफाई भाषा का राज पथ नहीं बल्कि गांव कस्बों का उबड़- खाबड़पन साफ तौर पर दिखाई देता है। उनके साथ उबड़- खाबड़ रास्ते पर चलते हुए आपको धचके भी लग सकते हैं और अगर आप पवित्रता का पाखंड ओढ़कर चलने वाले पवित्रतावादी हुए तो आहत भी हो सकते हैं। राजकुमार सोनी ने अपनी दूसरी किताब में प्रदेश में लगातार हो रही लड़कियों की तस्करी को केंद्र में रखा है। भेड़िए और जंगल की बेटियां शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक की रेंज चकित कर देने वाली है। बदनाम गली की भूमिका देश के महत्वपूर्ण आलोचक जयप्रकाश ने लिखी है जबकि भेड़िए और जंगल की बेटियां की भूमिका इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता के पूर्व पत्रकार अंबरीश कुमार ने लिखी है। अपने पाठक को बेहद खुलेपन से संबोधित करने की वजह से दोनों किताबें बेहद महत्वपूर्ण बन गई है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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